Edited By Anil dev,Updated: 24 Sep, 2020 10:49 AM
‘मेट्रो में चलते समय लोग अभी भी नियमों को हल्के में ले रहे हैं, कुछ मास्क नहीं पहन रहे हैं तो कुछ ऐसे (मुंह से खिसका हुआ) पहन रहे हैं।’ यह फोटो जैसे ही एक सहयात्री ने डीएमआरसी को टैग की डीएमआरसी ने लोकेशन पूछी और आगे की कार्रवाई कर दी गई।
ई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): ‘मेट्रो में चलते समय लोग अभी भी नियमों को हल्के में ले रहे हैं, कुछ मास्क नहीं पहन रहे हैं तो कुछ ऐसे (मुंह से खिसका हुआ) पहन रहे हैं।’ यह फोटो जैसे ही एक सहयात्री ने डीएमआरसी को टैग की डीएमआरसी ने लोकेशन पूछी और आगे की कार्रवाई कर दी गई। मेट्रो में शारीरिक दूरी, मास्क न पहनने के मामले में सिविल डिफेंस, सीआईएसएफ, टे्रन स्टाफ भी नजर रख रहा है और यात्रियों ने भी अब सुरक्षा के चक्र को अभेद्य रखने के लिए शिकायतें शुरू कर दी हैं।
ऐसे मामले आते ही जुर्माना किया जाता है या फिर जलालत के साथ समझाबुझाकर, माफी मांगने आदि पर जाने दिया जाता है। मेट्रो ने दो टूक कहा है कि यदि आपको घर से काम करने की अनुमति है तो घर पर रहें और घर से काम करें। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो में अब लगभग साढ़े 4 लाख यात्री रोजाना सफर कर रहे हैं। यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या से दिल्ली मेट्रो की भी चिंता बढ़ गई है। इस बाबत मेट्रो के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह पहले ही कह चुके हैं कि मेट्रो पहले की तरह सामान्य रूप से बेशक चले लेकिन संक्रमण से बचाव व शारीरिक दूरी के नियम के पालन के लिए मेट्रो में एक सीट छोड़कर बैठने व एक मीटर की दूरी बनाकर कोच में खड़े रहने की व्यवस्था की गई है।
नहीं हो रहा है मेट्रो में शारीरिक दूरी के नियम का पालन
मास्क पहनना अनिवार्य है, साथ ही मेट्रो ने भी अपील की है कि जरूरी है कि दफ्तर का समय इस तरह से निर्धारित किया जाए कि सुबह या शाम को व्यस्त समय में मेट्रो में भीड़ न बढ़े। सुबह व शाम को मेट्रो में शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं होने की शिकायतें भी मिल रही है अधिकारी मानते हैं कि हम अपनी कार्यशैली कोरोना से बचाव के अनुकूल नहीं बनाएंगे तो आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी। हालंाकि सभी ट्रेनों को हर यात्रा के बाद टर्मिनल स्टेशनों पर साफ किया जा रहा है और दिन खत्म होने के बाद एक बार फिर से डिपो में उनकी अच्छी तरह से सफाई की जा रही है। दरअसल मेट्रो में पहले एक कोच में 250 से 300 यात्री सफर करते थे और अब 50 लोग आवाजाही कर रहे हैं और क्षमता 20 फीसद रह गई है।