Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Oct, 2018 12:26 PM
सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में एनआरसी की मांग करने वाली अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की पीठ ने त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट (टीपीएफ) की ओर से दायर अर्जी पर विचार किया
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में एनआरसी की मांग करने वाली अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की पीठ ने त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट (टीपीएफ) की ओर से दायर अर्जी पर विचार किया, जिसमें अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एनआरसी में त्रिपुरा के नागरिकों के पंजीकरण की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने 30 जुलाई को असम में एनआरसी सूची का दूसरा मसौदा प्रकाशित किया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे। असम के लिए एनआरसी का पहला मसौदा बीते 31 दिसंबर और एक जनवरी की मध्य रात को जारी किया गया था।
20वीं सदी की शुरुआत से ही असम में बांग्लादेश से प्रवासियों के आने का सिलसिला चलता रहा है। असम देश का ऐसा एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी की व्यवस्था लागू की गई है। असम में पहला एनआरसी 1951 में तैयार किया गया था।