Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 12:18 AM
भारती एयरटेल पर आधार-ईकेवाईसी बेस्ड सिम वेरिफिकेशन प्रोसेस को अपने सब्सक्राइबर्स की मर्जी के बिना उनके पेमेंट बैंक अकाउंट खोलने में इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद यह कार्रवाई की गई थी। इसके बाद यूआईडीएआई ने एयरटेल पर 2.5 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था
नई दिल्लीः भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने भारती एयरटेल को 10 जनवरी तक अपने दूरसंचार ग्राहकों का ई-केवाईसी सत्यापन करने की सशर्त मंजूरी दे दी है।हालांकि, प्राधिकरण ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक के बारे में ई-केवाईसी निलंबन के आदेश को कायम रखा है। बता दें, प्राधिकरण ने भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक पर कड़ा एक्शन लेते हुए उनकी ई-केवाईसी लाइसेंस अस्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिया था।
वहीं, कंपनी ने अपने ग्राहकों के 55.63 लाख मूल खातों में 138 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) फिर से स्थानांतरित कर दिया है। सूत्रों का ये भी कहना था कि यूआईडीएआई ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक को अगले नोटिस तक ई-केवाईसी के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी है। एयरटेल पर लगाई गई शर्तों के अनुसार कंपनी को 24 घंटे में अपने ग्राहकों को यह संदेश भेजना होगा कि उनके डीबीटी खातों को मूल बैंक खाते में बदल दिया गया है।
प्राधिकरण इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक और दूरसंचार विभाग से इस बारे में 10 जनवरी को रिपोर्ट मिलने के बाद राय बनाएगा। यूआईडीएआई ने रिजर्व बैंक और दूरसंचार विभाग दोनों से भारती एयरटेल की प्रणाली, प्रक्रियाओं, एप्लिकेशंस, दस्तावेजीकरण का ऑडिट करने को कहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनी अपनी लाइसेंस शर्तों का अनुपालन कर रही है। प्राधिकरण ने ग्राहकों की सुविधा के मद्देनजर यह कदम उठाया है क्योंकि उच्चतम न्यायालय द्वारा मोबाइल सिम सत्यापन की 31 मार्च की समयसीमा भी पास आ रही है।
गौरतलब है कि भारती एयरटेल पर आधार-ईकेवाईसी बेस्ड सिम वेरिफिकेशन प्रोसेस को अपने सब्सक्राइबर्स की मर्जी के बिना उनके पेमेंट बैंक अकाउंट खोलने में इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद यह कार्रवाई की गई थी। इस पर यूआईडीएआई ने उन आरोपों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी, जिनमें एलपीजी सब्सिडी लेने के लिए भी ऐसे पेमेंट बैंक अकाउंट्स को लिंक करने की बात कही जा रही थी। इसके बाद यूआईडीएआई ने एयरटेल पर 2.5 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।