Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Mar, 2023 02:54 PM

केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि पिछले पांच साल के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के प्रावधानों के तहत 3,497 मामले दर्ज किए हैं।
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि पिछले पांच साल के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के प्रावधानों के तहत 3,497 मामले दर्ज किए हैं। लोकसभा में दीपक बैज के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी दी। सदस्य ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा विगत पांच साल में प्रत्येक साल के दौरान दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों का ब्योरा मांगा था। इस पर, केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय एक जांच एजेंसी है जिसे फेमा, PMLA और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के उपबंधों को लागू करने का काम सौंपा गया है।
वित्त राज्य मंत्री द्वारा निचले सदन में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत वर्ष 2018-19 में 195 मामले, साल 2019-20 में 562 मामले, साल 2020-21 में 981 मामले, वर्ष 2021-22 में 1,180 मामले और साल 2022-23 में 28 फरवरी 2023 तक 579 मामले दर्ज किए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस प्रकार से पिछले पांच साल के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत 3,497 मामले दर्ज किए हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि PMLA एवं फेमा के प्रावधानों के अंतर्गत जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग में कई भारतीय मुखौटा कंपनियों और विदेशी कंपनियों की भूमिका देखी गई है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में PMLA और फेमा के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि आगे की जानकारी का खुलासा करना व्यापक जनहित में नहीं होगा क्योंकि इससे चल रही जांच में बाधा आ सकती है।