एल्गर परिषद् मामला: NIA ने डीयू के प्रोफेसर हनी बाबू के घर पर की छापेमारी

Edited By Yaspal,Updated: 02 Aug, 2020 11:39 PM

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एनआईए ने रविवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू मुसलियारवित्तील थरायिल के नोएडा स्थित आवास पर छापेमारी की जिन्हें भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद् मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। एनआईए के एक प्रवक्ता ने...

नई दिल्लीः एनआईए ने रविवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू मुसलियारवित्तील थरायिल के नोएडा स्थित आवास पर छापेमारी की जिन्हें भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद् मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि मामला 31 दिसम्बर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद् के आयोजन से जुड़ा हुआ है जिस कारण विभिन्न जातीय समूहों के बीच शत्रुता बढ़ी और हिंसा हुई। इस कारण जानमाल को नुकसान हुआ और महाराष्ट्र भर में प्रदर्शन हुए।

एजेंसी ने बताया कि जांच से पता चला कि एल्गार परिषद् ने माओवादी नेताओं के साथ मिलकर इस घटना का इस्तेमाल माओवाद, नक्सलवाद की विचारधारा प्रसारित करने में किया और भाकपा (माओवादी) नेताओं के निर्देश पर गैर कानूनी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया। अधिकारी ने बताया कि हनी बाबू को नक्सल गतिविधियों और माओवादी विचारधारा को बढ़ावा देने में अन्य आरोपियों के साथ सह-षड्यंत्रकर्ता पाया गया और उन्हें 28 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि हनी बाबू ने अन्य आरोपियों रोना विल्सन, आनंद तेलतुम्बडे, पी. वरवर राव और सुरेन्द्र गाडलिंग के साथ मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा की रिहाई के लिए एक समिति का गठन किया जिन्हें माकपा (माओवादी) के साथ जुड़ाव के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

हनी बाबू के आवास पर छापेमारी के दौरान एनआईए ने एक अकाउंट लेजर, साईबाबा के बचाव एवं रिहाई के लिए समिति की एक रसीद पुस्तिका, कई दस्तावेज एवं हार्ड डिस्क, यूएसबी पेन ड्राइव जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि वह कांगलेइपेक कम्युनिस्ट पार्टी के सूचना एवं प्रसार सैन्य मामलों के सचिव पैखोम्बा मैतेई के साथ संपर्क में थे। यह अवैध गतिविधियां (निवारण) कानून के तहत एक प्रतिबंधित संगठन है।

एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि भाकपा (माओवादी) के महासचिव गणपति के साथ साक्षात्कार की प्रति मैतेई ने हनी बाबू से साझा की थी। उन्होंने कहा कि हनी बाबू का मणिपुर के अन्य माओवादियों के साथ संचार को भी हासिल किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि जांच से यह भी पता चलता है कि भाकपा (माओवादी) नेता पल्लथ गोविंदनकुट्टी की रिहाई के बाद हनी बाबू ने सह आरोपी रोना विल्सन के साथ मिलकर धन जुटाकर उन्हें वित्तीय रूप से मदद करने की पहल शुरू की थी। मामले में आगे की जांच जारी है।

 

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