Edited By Mahima,Updated: 22 May, 2024 12:30 PM
लिव इन रिलेशनशिप' का चलन विदेश से शुरू हो कर अब भारत में भी बढ़ चुका है। एक सर्वे के अनुसार, हर दूसरा भारतीय युवा शादी से पहले 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहने की इच्छा करता है। हालांकि, हाल में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसे समाज के लिए कलंक बताते हुए कहा था...
नई दिल्ली: 'लिव इन रिलेशनशिप' का चलन विदेश से शुरू हो कर अब भारत में भी बढ़ चुका है। एक सर्वे के अनुसार, हर दूसरा भारतीय युवा शादी से पहले 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहने की इच्छा करता है। हालांकि, हाल में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसे समाज के लिए कलंक बताते हुए कहा था कि यह भारतीय मूल्यों और सिद्धांतों के विपरीत आयातित दर्शन है। युवाओं में 'लिव इन रिलेशनशिप' के चलन को लेकर रिसर्चगेट नामक संस्था ने शोध किया है। वहीं, ओटीटी प्लेटफार्म लायंसगेट प्ले ने शोध में बताया कि हर दूसरा भारतीय शादी के फेरों के बिना वैवाहिक जीवन का अनुभव लेना चाहता है।
सामने आई ये प्रमुख वजहें...
-शोध के अनुसार, लिव- इन को तरजीह देने में महानगरीय, आधुनिक जीवन शैली की बड़ी भूमिका है। शहरी परिवेश, रिश्तों के प्रति उदार दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
-वैश्वीकरण, मीडिया और शैक्षिक प्रभाव से विचारों व संस्कृतियों की अदला- बदली हुई है।
-शहरी लोग पश्चिमी समाजों में प्रचलित रिश्तों के वैकल्पिक मॉडल लिव इन से अवगत हुए हैं। सर्वे में ये भी देखा गया है कि युवाओं का मानना था कि लिव इन एक तरह से विवाह का पूर्वाभ्यास है ताकि बाद में दीर्घकालिक रिश्ते की प्रतिबद्धता को लेकर अनुकूलता का आकलन किया जा सके।
-लिव-इन में लड़का-लड़की वित्तीय निर्णयों पर स्वायत्तता बरकरार रखता है। दोनों भागीदार वित्तीय जिम्मेदारियां साझा करना चुन सकते हैं।
-लिव-इन में रिश्ते में शामिल और अलग होना आसान होता है। जबकि शादी के बाद अलग होने में जटिल कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।