राष्ट्रपति चुनाव : फारूक ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लिया

Edited By Monika Jamwal,Updated: 18 Jun, 2022 07:34 PM

farooq abdullah took name back from presidential candidate

नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेते हुए कहा कि वह ''बेहद महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे जम्मू-कश्मीर'' का रास्ता तय करने में अपनी भूमिका निभाना चाहेंगे।

श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेते हुए कहा कि वह 'बेहद महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे जम्मू-कश्मीर' का रास्ता तय करने में अपनी भूमिका निभाना चाहेंगे।

 

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के बाद 84 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला दूसरे नेता हैं जिन्होंने जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष की ओर से संभावित उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले लिया है।

 

अब्दुल्ला ने यह घोषणा मुंबई में होने वाली विपक्ष की संयुक्त बैठक से पहले की है। इस बैठक के बाद विपक्ष संयुक्त रूप से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकता है।

 

हालांकि, नेकां प्रमुख और लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने उनके नाम का प्रस्ताव रखने पर विपक्ष को धन्यवाद दिया है। नेकां द्वारा जारी बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उनका नाम प्रस्तावित किए जाने पर वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

 

अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा, "ममता दीदी द्वारा मेरे नाम का प्रस्ताव रखे जाने के बाद मुझे विपक्ष के कई नेताओं का कॉल आया और वे उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम का समर्थन कर रहे हैं।"

 

नेकां प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और परिवार के सदस्यों के साथ इस च्च्अप्रत्याशितज्ज् घटनाक्रम पर चर्चा की।

उन्होंने कहा,"मुझे जो समर्थन मिला है, उससे मैं बहुत खुश हूं और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि देश के सर्वोच्च पद के लिए मेरे नाम पर विचार किया गया। मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर इस समय बहुत महत्वपूर्ण समय से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय में उसे मेरे प्रयासों की जरूरत है।"

 

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि "सक्रिय राजनीति में अभी उन्हें बहुत कुछ करना है और वह जम्मू-कश्मीर तथा देश की सेवा में अभी बहुत कुछ करना चाहते हैं।"

उन्होंने कहा, "इसलिए मैं विचारार्थ अपने नाम को पूरे सम्मान के साथ वापस लेना चाहता हूं तथा मैं संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करूंगा।"

 

बनर्जी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा और समाजवादी पार्टी सहित 17 विपक्षी पार्टियों के साथ हुई बैठक में अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव रखा है।

बनर्जी ने पवार द्वारा इंकार किए जाने के बाद अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा है।

 

भारत के नये राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हो गयी। नामांकन की अंतिम तिथित 29 जून है और आवश्यकता होने पर 18 जुलाई को मतदान किया जाएगा।
 

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