Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jan, 2021 10:52 AM
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पूर्व चीफ डॉ आर गंगाखेडकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत में जिन दो कोरोना वैक्सनीन को मंजूरी दी गई है, उनमें पोर्क (सूअर का मांस) का इस्तेमाल नहीं किया गया है। एक हिंदी न्यूज चैनल से बात करते हुए डॉ आर...
नेशनल डेस्क: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पूर्व चीफ डॉ आर गंगाखेडकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत में जिन दो कोरोना वैक्सनीन को मंजूरी दी गई है, उनमें पोर्क (सूअर का मांस) का इस्तेमाल नहीं किया गया है। एक हिंदी न्यूज चैनल से बात करते हुए डॉ आर गंगाखेडकर ने कहा कि उन अफवाहों में कोई दम नहीं है जिसमें कहा जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन में सूअर के मांस का अंश इस्तेमाल किया गया है। डॉ आर गंगाखेडकर ने कहा कि यह बेबुनियाद और बकवास अफवाह है कि इसे लगवाने से नपुंसकता हो जाएंगे।
ICMR के पूर्व चीफ ने कहा कि बिना कोई सच्चाई जाने किसी भी अफवाह पर यकीन न किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि इन वैकिसीन को मंजूरी देने से पहले इनकी गहन जांच हुई, पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही इनको अनुमति मिली। डॉ गंगाखेडकर ने कहा कि जो लोग अफवाहों के कारण कोरोना वैक्सीन नहीं लगव रहे हैं उनको यह समझना चाहिए कि वो अपनी ही नहीं अपने पूरे परिवार की जान को जोखिम में डाल रहे हैं।
डॉ गंगाखेडकर ने कहा कि अबतक दुनियाभर में लगभग एक करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है, लेकिन किसी की भी अब तक इससे मौत नहीं हुई है। यह जरूर है कि लोगों को कुछ परेशानियां हुईं लेकिन उन पर काबू पा लिया गया। उन्होंने कहा कि देश से कोरोना का संकट अभी टला नहीं हैं इसलिए अफवाहों पर ध्यान न दें और वैक्सीन के लिए आगे आएं।