Edited By Yaspal,Updated: 01 Oct, 2019 07:51 PM
महाराष्ट्र विधानसभा चनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 91 सिटिंग विधायकों को मौका दिया गया है, जबकि 12 विधायकों के टिकट काट दिए गे हैं। इस पहली सूची में...
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र विधानसभा चनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 91 सिटिंग विधायकों को मौका दिया गया है, जबकि 12 विधायकों के टिकट काट दिए गे हैं। इस पहली सूची में दो वरिष्ठ बीजेपी नेताओं और पूर्व मंत्रियों एकनाथ खड़से व प्रकाश मेहता के नाम भी नहीं है। लिस्ट में नाम न आने के बाद एकनाथ खड़से ने अपना अलग रास्ता तय कर लिया है और नामांकन भर दिया है।
खड़से मुक्ताईनगर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं और बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद उन्होंने इस सीट से ही अपना नामांकन किया। एकनाथ खड़से ने मुक्ताईनगर के नागेश्वर मंदिर जाकर पहले पूजा की और वहीं से लाव-लश्कर के साथ तहसील स्थित चुनाव कार्यालय पहुंचे। समर्थकों के हुजूम के साथ एकनाथ खड़से ने पर्चा दाखिल किया।
नामांकन करने के बाद एकनाथ खड़से ने सभा का आयोजन किया। इस सभी में खड़से ने कहा कि अबतक टिकट देते वक्त मैं खुद मौजूद रहता था। उन्होंने बताया कि 2014 में शिवसेना से गठबंधन तोड़ने का काम मुझे दिया गया था और मैंने पार्टी का यह आदेश माना और उसे निभाया। खड़से ने बताया कि 2014 में गठबंधन टूटने के चलते शिवसेना नेता आज भी उन्हें बदमाश बोलते हैं. एकनाथ खड़से ने कहा कि विरोधी पार्टियों ने उन्हें बहुत लालच दिया लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
बीजेपी के प्रत्याशियों की लिस्ट में नाम न होने पर अफसोस जताते हुए एकनाथ खड़से ने कहा कि आज जो लिस्ट जारी हुई है, उसमें पहला नाम मेरा होना चाहिए था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोग आरोप लगाते हैं, लेकिन उन्हें फर्क नहीं पड़ता। खड़से ने कहा कि वो अब अपने रास्ते चलेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ खड़से का लंबा कार्यकाल रहा है। 2014 में फडणवीस सरकार में खड़से को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उनके नाम से कई और विवाद जुड़े, जिसके चलते खड़से को इस्तीफा देना पड़ा।