Edited By ,Updated: 25 Oct, 2015 01:36 PM
पंद्रह साल पहले भटक कर सरहद पार पहुंच गई आठ साल की मासूम बच्ची सोमवार को 23 साल की युवती गीता के रूप में अपने वतन लौटेगी लेकिन मां-बाप से मिलने से पहले उसे खून का इम्तिहान देना होगा।
नई दिल्ली: पंद्रह साल पहले भटक कर सरहद पार पहुंच गई आठ साल की मासूम बच्ची सोमवार को 23 साल की युवती गीता के रूप में अपने वतन लौटेगी लेकिन मां-बाप से मिलने से पहले उसे खून का इम्तिहान देना होगा। गीता को यात्रा दस्तावेका मिल गए हैं। वह कराची स्थित मोहम्मद अली जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे पाकिस्तान इंटरनैशनल एयरलाइन्स की उड़ान संख्या पीके-272 से रवाना होगी और एक घंटे 50 मिनट बाद 10.20 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरेगी।
उसे सालों से पनाह दे रहे स्वयंसेवी संगठन ईधी फाउंडेशन के पांच प्रतिनिधि भी उसके साथ आ रहे हैं जिन्हें भारत सरकार के मेहमान का दर्जा दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित भी हवाईअड्डे पर मौजूद रहेंगे। गीता के माता-पिता होने का दावा कर रहे बिहार के सहरसा निवासी शांति देवी और जनार्दन महतो पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।
गीता को हवाई अड्डे से विदेश मंत्रालय लाया जाएगा जहां उसे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में महतो परिवार से मिलवाया जाएगा। मेलमिलाप और दोपहर के भोजन के बाद श्रीमती स्वराज गीता के साथ मीडिया से मुखातिब होंगी। लेकिन डीएनए परीक्षण में माता पिता की पुष्टि होने के पहले उसे महतो को सौंपा नहीं जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक गीता के आते ही सबसे पहले उसके रक्त का नमूना लेकर उसे सीधे हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) भेजा जाएगा जहां उसके डीएनए की जांच कराई जाएगी। महतो परिवार के रक्त के नमूने पहले ही डीएनए की जांच के लिये भेजे जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक दो दिन में उसकी रिपोर्ट भी आ जाएगी। रिपोर्ट में डीएनए का मिलान होने पर ही गीता को महतो परिवार को सौंपा जाएगा अन्यथा उसे दिल्ली और इंदौर स्थित अनाथ मूक बधिर लड़कियों की देखभाल करने वाली दो संस्थाओं में से किसी एक में रखा जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि एक मानवीय त्रासदी से गुकारने के बाद उस मासूम के लिए अपनों से मिलने के खुशनुमा और भावनाओं से भरे मौके पर का खून का इम्तिहान लिये जाने की शर्त कितनी बेदर्द है, सूत्रों ने कहा कि एक कहानी में तो ये वाकई बेदर्द और क्रूर बात लग सकती है लेकिन यह गीता की कान्दिगी का सवाल है। हमारी कोशिश है कि वह अपने सही मां-बाप के पास पहुंचे और इसके लिये विज्ञान एवं तकनीक का सहारा लिया जा रहा है ताकि भविष्य में कोई अपवाद न रहे।
उल्लेखनीय है कि गीता की वापसी ऐसे मौके पर हो रही है जब दिल्ली में अब तक के सबसे बड़े कूटनीतिक आयोजन की शुरुआत होगी। राजनयिक सूत्रों का कहना है कि सरकार चाहेगी कि गीता का मामला शीघ्रातिशीघ्र तार्किक परिणति तक पहुँच जाये ताकि मीडिया की सुर्खियों में गीता सोमवार के बाद ना रहे और मंगलवार से भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन को प्रमुखता मिले।