Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Sep, 2019 01:06 PM
आम आदमी पार्टी सरकार की मुफ्त कोचिंग योजना ''जय भीम मुख्यमंत्री मुद्रा योजना'' का लाभ अब जनरल और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के जरूरतमंद छात्रों को भी मिलेगा। दरअसल केजरीवाल सरकार जनरल और अन्य पिछड़े वर्गों के जरूरत मंद बच्चों
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी सरकार की मुफ्त कोचिंग योजना 'जय भीम मुख्यमंत्री मुद्रा योजना' का लाभ अब जनरल और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के जरूरतमंद छात्रों को भी मिलेगा। दरअसल केजरीवाल सरकार जनरल और अन्य पिछड़े वर्गों के जरूरत मंद बच्चों को भी फ्री कोचिंग सेवा में एंट्री देने पर विचार कर रही है। इससे पहले यह कोचिंग आरक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए उपलब्ध थी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की फ्री कोचिंग में तैयारी करके कुल 35 छात्रों ने इस साल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main), राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) परीक्षा को क्रैक किया है।
परीक्षा क्रैक करने वालों में से पांच बच्चों ने लेडी हार्डिंग कॉलेज, आईआईटी-दिल्ली, नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख तकनीकी और चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश ले लिया है। बता दें कि इस योजना के तहत दिल्ली सरकार सभी खर्चों को वहन करती है। प्रति छात्र का खर्चा 50,000 रुपए तक का है। केजरीवाल सरकार अब कोर्स की अवधि 12 महीने तक बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिसमें प्रति छात्र का खर्चा 1.5 लाख रुपए आएगा। इस स्कीम का फायदा उठाते हुए मुफ्त कोचिंग पाने वाले 107 छात्रों में से 13 को जेईई मेन और 22 को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) में सफल घोषित किया गया है। यह कोचिंग पिछले साल शुरू की गई थी और इस योजना के तहत, यूपीएससी, एसएससी, बैंकों, रेलवे भर्ती बोर्ड, दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड और 2018 में बीमा कंपनियों द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं के लिए कोचिंग के लिए 4,953 छात्रों ने नामांकन किया था।
हाल ही में केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि बेटे पुलकित ने भी आइआइटी की परीक्षा पास की और एक दर्जी के बेटे ने आइआइटी की परीक्षा पास की है। केजरीवाल ने ट्वीट किया कि इस साल मेरा बेटा और इनका बेटा(दर्जी का बेटा) दोनों एक साथ आइआइटी (IIT) में जा रहे हैं। सीएम ने कहा कि सालों से यह प्रथा चली आ रही थी कि गरीब का बेटा पैसे के अभाव में अच्छी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाता था। गरीब के बच्चे गरीब रहने पर मजबूर थे। लेकिन दिल्ली सरकार ने गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा और ट्रेनिंग देकर गरीब और अमीर के बीच की दूरी कम की है।