गोपाष्टमी: इस शुभ मुहूर्त में क्रूर ग्रहों को मात देने के लिए करें ये काम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Nov, 2019 07:34 AM

gopashtami 2019

भारतीय संस्कृति का प्रमुख पर्व कान्हा की नगरी ब्रजधाम में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तिथि तक श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण किया था।

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भारतीय संस्कृति का प्रमुख पर्व कान्हा की नगरी ब्रजधाम में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तिथि तक श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण किया था। तभी से इस पर्व को मनाने की परंपरा का आरंभ हुआ। आज गोपाष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। ये उत्सव गौ माता को समर्पित है, गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गाय माता के घर यानि गौशाला अवश्य जाना चाहिए। वहां जाकर उनका विधि-विधान से पूजन करें और उन्हें राशि अनुसार ये चीज़े खिलाएं।

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मेष- हरा चारा खिलाएं।

वृष- रोटी और गुड़ खिलाएं।

मिथुन- रोटी और काला नमक खिलाएं। 

कर्क- चने की दाल और गुड़ खिलाएं।

सिंह- रोटी पर देसी घी लगाकर खिलाएं। 

कन्या- बूंदी के लड्डू खिलाएं।  

तुला- पालक खिलाएं। 

वृश्चिक- भीगे हुए हरे मूंग खिलाएं।

धनु- सख्त आटे की लोई में चीनी भरकर खिलाएं

मकर- नमक वाली रोटी खिलाएं। 

कुंभ- रोटी पर चीनी रखकर खिलाएं।

मीन-  भीगी हुई चने की दाल खिलाएं।

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गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त आरंभ- सुबह 2:56 बजे और समाप्त सुबह 04:57 बजे।

 

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क्रूर ग्रहों की शांति के लिए आज से आरंभ करने के बाद वार अनुसार करें ये काम- भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, मंगल, शनि, केतु क्रूर ग्रह हैं। यदि ये ग्रह किसी की कुंडली में शत्रु क्षेत्री नीच आदि होकर स्थिर हों तो ज्यादा क्रूर प्रभाव दिखाते हैं। इनकी शांति हेतु निम्र उपाय हैं :

सूर्य की महादशा के लिए: गेहूं के आटे की रोटी में गुड़ मिलाकर प्रत्येक रविवार को (गाय को) खिलाने से सूर्य की महादशा ठीक होती है।

मंगल ग्रह : गेहूं के आटे में मलका मसर (पीसकर) मिलाएं। गुड़ व गोघृत सहित बनाकर प्रत्येक मंगलवार को लाल गाय को खिलाने से मंगल ग्रह जनित दोष दूर होगा।

शनि ग्रह : काले तिल या उड़द पीस कर गेहूं के आटे में मिला कर गुड़ गोघृत से पेड़ा बनाकर कम से कम 9 शनिवार काली गाय को अपनी हथेली पर रख कर खिलाएं, शनि ग्रह की प्रसन्नता प्राप्त होगी।

राहु केतु ग्रह : सतनाजे को पीस कर गेहूं का आटा, गुड़, गाय का घी मिलाकर बूढ़ी लंगड़ी असहाय (चितबरी) गायों को प्रात: 12 बजे तक खिलाएं। अनाथ गाय की घर में अथवा किसी गोशाला की जीवन पर्यंत सेवा की जिम्मेदारी लेने से राहू की दशा व दोष शमन शांत होते हैं।

सर्वग्रह शांति के लिए: प्रतिदिन पहली रोटी गुड़, गोघृत लगाकर अथवा चने की दाल, गुड़, हथेली पर रख कर मौनावस्था में गाय को खिलाने से प्रतिदिन गौमाता की कृपा रहेगी। विघ्न बाधा, दुर्घटना से बचाव होगा। गाय द्वारा हथेली चाटने का विशेष महत्व है।

 

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