सरकार ने खत्म किया 1000 के नोट जारी करने की अनुमति देने वाला कानून

Edited By Yaspal,Updated: 04 Aug, 2019 07:32 PM

government abolishes the law allowing the issuance of 1000 notes

भारतीय रिजर्व बैंक को एक हजार रुपये का नोट जारी करने की अनुमति देने वाला 1999 का कानून संसद ने निरस्त कर दिया है। अर्थव्यवस्था में करेंसी नोटों की तंगी को दूर करने के लिये उस समय यह कानून लाया गया था। संसद ने पिछले सप्ताह...

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक को एक हजार रुपये का नोट जारी करने की अनुमति देने वाला 1999 का कानून संसद ने निरस्त कर दिया है। अर्थव्यवस्था में करेंसी नोटों की तंगी को दूर करने के लिये उस समय यह कानून लाया गया था। संसद ने पिछले सप्ताह ही इस कानून सहित बेकार हो चुके 58 पुराने कानूनों को समाप्त करने को मंजूरी दे दी। इनमें एक हजार रुपये का नोट जारी करने की अनुमति देने वाला उच्च मूल्य वर्ग बैंक नोट (विमुद्रीकरण) संशोधन अधिनियम 1998 भी शामिल है।
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तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने दिसंबर 1998 में इस संबंध में संशोधन विधेयक पेश किया था। वर्ष 1978 के कानून में किये गये इस संशोधन के जरिये नोटों की किल्लत को दूर करने और दूसरे मूल्यवर्ग के नोटों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिये जरूरी संशोधन किया गया। इसके जरिये रिजर्व बैंक के लिये 1,000 रूपये का नोट जारी करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। हालांकि, अब इसे समाप्त कर दिया गया है।
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा करके हुये महात्मा गांधी श्रृंखला के 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने 500 रुपये और 2,000 रुपये के नये नोट जारी करने की भी घोषणा की। एक हजार रुपये का नोट चलन में नहीं रह गया था। निरसन और संशोधन विधेयक 2019 के माध्यम से अब ऐसे 58 अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। इनमें कुछ कानून डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुराने हैं।
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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में कहा था कि इस विधेयक के जरिए पुराने पड़ चुके कानूनों, जिनकी प्रासंगिकता खत्म हो चुकी है, को समाप्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद सरकार ने फैसला किया था कि अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को समाप्त किया जाएगा। इसके लिए एक समिति बनायी गयी थी। इस समिति ने 1824 कानूनों की पहचान की थी और इनमें से अब तक 1428 कानून खत्म जा चुके हैं।

सरकार ने खत्म किए 58 कानून

  • लोक लेखापाल चूक अधिनियम 1850
  • नगरपालिता कराधान अधिनियम 1881
  • रेल यात्री सीमा कर अधिनियम 1892
  • रेल यात्री सीमाकर अधिनियम 1892
  • हिमाचल प्रदेश विधानसभा गठन और कार्यवाहियां विधिमान्यकरण अधिनियम 1958
  • हिन्दी साहित्य सम्मेलन संशोधन अधिनियम 1963
  • एलकाक एशडाउन कंपनी लिमिटेड उपक्रमों का अर्जन अधिनियम 1973
  • दिल्ली विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम 2002
  • धनशोधन निवारण संशोधन अधिनियम 2009
  • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल संशोधन अधिनियम 2009
  • नागरिक सुरक्षा संशोधन अधिनियम 2011
  • प्रौद्योगिकी संस्थान संशोधन अधिनियम 2012
  • वाणिज्यिक पोत परिवहन दूसरा संशोधन अधिनियम 2014
  • बीमा विधि संशोधन अधिनियम 2015
  • निर्वाचन विधि संशोधन अधिनियम 2016

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