Edited By Pardeep,Updated: 30 Jan, 2019 10:22 PM
भारतीय नौसेना के लिए दो मिसाइल युद्धपोत बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र की गोवा शिपयार्ड के बीच समझौता हुआ है। इसकी अनुमानित लागत 14,000 करोड़ रुपए है। रूस की रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के सहयोग से गोवा...
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के लिए दो मिसाइल युद्धपोत बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र की गोवा शिपयार्ड के बीच समझौता हुआ है। इसकी अनुमानित लागत 14,000 करोड़ रुपए है। रूस की रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के सहयोग से गोवा शिपयार्ड द्वारा तलवार-श्रेणी की दो यद्धपोतों का निर्माण किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पोत बहुत ही उच्च श्रेणी की हथियार प्रणाली को ले जाने में सक्षम होंगे और सेंसरों से लैस होंगे।" इस परियोजना के लिए भारत ने पहले ही रूस के साथ अलग समझौता कर लिया है। भारतीय नौसेना को पहला पोत जून 2026 में मिलेगा जबकि दूसरा पोत उसी साल दिसंबर में मिलेगा। जहाजों का निर्माण भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। सरकार ने नौसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए 56 नए पोतों और छह पनडुब्बियों को शामिल करने की मंजूरी पहले ही दे दी है।