Edited By Yaspal,Updated: 01 Feb, 2020 07:50 PM
सरकार ने समाज के पिछड़े वर्ग के कल्याण की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग की योजनाओं के लिए 1,38, 700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है...
नई दिल्लीः सरकार ने समाज के पिछड़े वर्ग के कल्याण की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग की योजनाओं के लिए 1,38, 700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में अगले वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सीवर प्रणाली या सेफ्टिक टैंक की सफाई का काम हाथ से नहीं किया जाएगा। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ऐसे कार्यों के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों की पहचान की है। यह मंत्रालय इन प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए शहरी स्थानीय निकायों के साथ कार्य कर रहा है।
वित्त मंत्री ने अनुसूचित जातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जतायी और वर्ष 2020-21 के लिए 85,000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान का प्रस्ताव दिया।
बजट प्रस्ताव में सीतारमण ने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण तथा विकास के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 53,700 करोड़ रुपये के आवंटन किया है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने वर्ष 2020-21 के लिए बजट में 9500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है।