जम्मू और कश्मीर में गवर्नर ने बुलाई सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग

Edited By Monika Jamwal,Updated: 20 Jun, 2018 05:56 PM

governor call urgent meeting in jammu kashmir

जम्मू-कश्मीर में बदले घटनाक्रम के बीच राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने राज्य के सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग की है।

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में बदले घटनाक्रम के बीच राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने राज्य के सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग की है। ये मीटिंग करीब 12 बजे से शुरू हुई। ऐसा माना जा रहा है कि इस मीटिंग में राज्यपाल शासन के तहत राज्य को चलाने के लिए अहम फैसले लिए गए।  इससे पहले मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफा देने के बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है।


बीते एक दशक में यह चौथी बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगा है। वर्ष 2008 से वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है। भाजपा ने कल दोपहर अचानक ही राज्य में पी.डी.पी. के साथ तीन साल पुराने सत्तारूढ़ गठबंधन खत्म कर दिया। बतौर राज्यपाल वोरा का कार्यकाल कुछ दिनों में पूरा होने वाला था, लेकिन मौजूदा हालात में कम से कम अमरनाथ यात्रा पूरी होने तक उन्हें राज्यपाल बने रहना होगा। अमरनाथ यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा।

छह महीने तक गवर्नर रूल का प्रावधान
जम्मू-कश्मीर में छह महीने तक राज्यपाल शासन रहने का प्रावधान है।  भाजपा की कोशिश है कि इस अवधि को इस साल के अंत तक खींचा जाए, क्योंकि तब तक आम चुनाव का समय और नजदीक आ जाएगा। अगले साल मार्च में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल शासन के बाद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इससे विधानसभा चुनाव और ज्यादा समय तक टाले जा सकते हैं। हालांकि इसके लिए संसद की मंजूरी भी जरूरी होगी।

इस तरह हुआ सारा घटनाक्रम
इससे पहले मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ी हलचल देखने को मिली। सबसे पहले खबर आई कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर सरकार के भाजपा मंत्रियों को बैठक करने के लिए अचानक दिल्ली बुलाया है। इसके कुछ घंटों बाद भाजपा महासचिव राम माधव के नेतृत्व में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें पार्टी ने पीडीपी के साथ किए गठबंधन को तोडऩे का ऐलान किया। भाजपा के इस कदम के बाद महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल एन.एन. वोहरा को सौंप दिया। उसके बाद राज्यपाल ने राज्य के सभी बड़े राजनीतिक दलों से बातचीत करने के बाद राज्यपाल शासन लगाने से संबंधित रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी थी।

2008 में लगाया गया था गवर्नर रूल
वोहरा के कार्यकाल में राज्य में पहली बार राज्यपाल शासन वर्ष 2008 में 174 दिन के लिए लगाया गया था जब गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस और पीडीपी की गठबंधन सरकार से पीडीपी ने अमरनाथ भूमि विवाद के चलते समर्थन वापस ले लिया था। उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राज्यपाल शासन पांच जनवरी 2009 को समाप्त हुआ था। 
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!