Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Nov, 2018 04:38 PM
राजधानी समेत पूरे देश में साल-दर-साल प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ ही प्रदूषण रोकने से संबंधित उपकरणों का कारोबार भी बढ़ने लगा है। कुछ साल पहले तक यह विचार कहीं सुनने में भी नहीं आता था
नई दिल्ली: राजधानी समेत पूरे देश में साल-दर-साल प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ ही प्रदूषण रोकने से संबंधित उपकरणों का कारोबार भी बढ़ने लगा है। कुछ साल पहले तक यह विचार कहीं सुनने में भी नहीं आता था लेकिन आज यह हर सांस के साथ बढ़ते कारोबार में तब्दील हो रहा है। स्वच्छ हवा देने वाले एयर प्यूरिफायर से लेकर बाहर सड़कों पर निकलते समय लगाए जाने वाले मास्क और विभिन्न प्रकार के उपकरणों का यह कारोबार है। विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की चेतावनियों, अदालत की झिड़कियों और विशेषज्ञों के सुझावों के बाद भी वायु की गुणवत्ता में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
इस कारण जो भी लोग आर्थिक तौर पर सक्षम हैं, घरों-दफ्तरों-वाहनों में साफ हवा सुनिश्चित करने के लिए उपकरण एवं प्रौद्योगिकियां खरीद रहे हैं। किसी भी ऑनलाइन रिटेलर पर सरसरी निगाह मारने भर से 300 रुपए में उपलब्ध चारकोल एक्टिवेटेड थैलों से लेकर डेढ़ लाख रुपए में मिल रहे स्मार्ट एयर प्यूरिफायर तक मिल रहे हैं। इनके अलावा मध्यम श्रेणी में एन95 मास्क बाजार में उपलब्ध हैं जो धुंध से बचाव में उपयोगी है। एन100 मास्क इससे भी अधिक प्रभावी है और बेहद छोटे कणों को भी छानने में सक्षम है। इनकी कीमतें 90 रुपए से 5,500 रुपये के दायरे में हैं।
एयरप्यूरिफायर के मामले में पैनासोनिक, फिलिप्स, हनीवेल और केंट समेंत अन्य बड़े ब्रांडों के उत्पाद करीब सात हजार रुपए से शुरू हो जाते हैं। इनकी भी बिक्री में काफी तेजी देखी गयी है। पैनासोनिक इंडिया के कारोबार प्रमुख (पर्सनल केयर, उपकरण एवं एयर प्यूरिफायर) रजनीश शर्मा ने बताया कि एयर प्यूरिफायर की बिक्री सालाना आधार पर 30 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने नवंबर महीने में 40 प्रतिशत वृद्धि का भी अनुमान जाहिर किया। स्वास्थ्य एवं सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी एमवे इंडिया भी एयरप्यूरिफायर के कारोबार में उतर चुकी है। इन सब से इतर च्इको रेंट अ कारज कं पनी दैनिक आवाजाही के लिये ऐसा वाहन देने का वादा कर रही है जो वायु को स्वच्छ बनाने वाले उपकरणों से लैस है।