यहां सजता है गुजराती गधों का बाजार

Edited By Anil dev,Updated: 31 Jan, 2019 12:03 PM

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ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों में उपयोगी होने के कारण आज के आधुनिक युग में भी गधों की अच्छी-खासी मांग है। इस बात का प्रमाण जेजुरी में आयोजित गधों के मेले में मिल गया। पौष पूर्णिमा के मौके पर हर वर्ष यहां गधों का बाजार (मेला) सजता है। इस वर्ष एक हजार से...

जेजुरी (महाराष्ट्र): ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों में उपयोगी होने के कारण आज के आधुनिक युग में भी गधों की अच्छी-खासी मांग है। इस बात का प्रमाण जेजुरी में आयोजित गधों के मेले में मिल गया। पौष पूर्णिमा के मौके पर हर वर्ष यहां गधों का बाजार (मेला) सजता है। इस वर्ष एक हजार से भी ज्यादा गधे बिक्री के लिए मेले में आए थे। 

मेले में हुआ एक करोड़ का व्यापार
मेले में कुल एक करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। ग्रामीण गधे जहां 5 से 10 हजार रुपए में बिके वहीं काठियावाड़ी (गुजरात) के गधे 20 हजार से 40 हजार रुपए में बिके। मेले की खासियत यह रही कि खरीदारों की सबसे पहली पसंद गुजरात के गधे थे, मतलब गुजरात के गधों की काफी डिमांड थी।

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