लोगों का भ्रम दूर करने के लिए हर्षवर्धन ने किया 'संडे संवाद', कोरोना पर सभी सवालों के दिए जवाब

Edited By vasudha,Updated: 18 Oct, 2020 04:36 PM

harshvardhan answers all questions on corona

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ड. हर्षवर्धन ने आज कहा कि शरीर में ऑक्सीजन स्तर की कमी कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण का ही लक्षण नहीं है बल्कि यह अन्य कई बीमारियों के कारण हो सकता है। डॉ हर्षवर्धन ने आज संडे संवाद में कहा कि अगर...

नेशनल डेस्क: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि शरीर में ऑक्सीजन स्तर की कमी कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण का ही लक्षण नहीं है बल्कि यह अन्य कई बीमारियों के कारण हो सकता है। डॉ हर्षवर्धन ने आज संडे संवाद में कहा कि अगर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के ऑक्सीजन स्तर में कमी पायी जाती है तो उन्हें तत्काल डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर शरीर में एसपीओ2 यानी ऑक्सीजन के सैचुरेशन स्तर का माप करता है। स्वस्थ व्यक्ति में यह 95 से 100 प्रतिशत के बीच रहता है। 

 

शरीर में ऑक्सीजन की खास जरूरत 
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शरीर में ऑक्सीजन के एक खास स्तर की जरूरत होती है ताकि वह अच्छी तरह अपना काम कर सके। उन्होंने भारतीय बाजार में चीन द्वारा निर्मित पल्स ऑक्सीमीटर की भरमार होने और उसकी गुणवत्ता की जांच करने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में बताया कि उपभोक्ताओं को बाजार से या ऑनलाइन विक्रेताओं से पल्स ऑक्सीमीटर खरीदते समय एफडीए/सीई स्वीकृत उत्पादों और उनके साथ आईएसओ/आईईसी विनिर्दिष्टताओं को देखना चाहिए। उन्होंने सभी को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री जी के जन-आंदोलन के आह्वान का सम्मान करें और अन्य लोगों के लिए एम्बेसडर बन कर कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पूरी तरह पालन करें। 

 

त्योहारों को घर रहकर ही मनाएं 
हर्षवर्धन ने अपना अनुरोध दोहराया कि प्रत्येक व्यक्ति त्योहारों को पारंपरिक तरीके से अपने घरों में प्रियजनों के साथ मनाएं। चीन के इस दावे पर कि पिछले वर्ष कई देशों में एक साथ नोवेल कोरोना वायरस का प्रसार हुआ था, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है जिससे इस दावे की वैधता साबित हो सके। उन्होंने कहा कि हालांकि चीन के वुहान को विश्व में कोरोना के पहले मामले की रिपोर्ट करने के लिए अब भी माना जाता है। 

 

समाचार पत्र पढ़ना पूरी तरह सुरक्षित
डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा दिए जाने को लेकर पीछे नहीं है। भारत में मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थान एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं, जिनकी मंजूरी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने दी है। मंत्रालय ने कोविड-19 के मद्देनजर स्नातकोत्तर चिकित्सा विद्यार्थियों के लिए पेशेवर प्रशिक्षण हेतु मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी कर दी हैं। केंद्रीय मंत्री ने समाचार पत्र से कोरोना संक्रमण का खतरा होने के संबंध में पूछे जाने पर भरोसा दिलाया कि कोई ऐसा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं, जो साबित कर सके कि समाचार पत्रों से कोरोना वायरस का प्रसार होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाचार पत्र पढ़ना कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरी तरह सुरक्षित है। 
 

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