HC का आदेश: महाराष्ट्र में ऑटोरिक्शा चालकों के लिए मराठी जरूरी नहीं

Edited By ,Updated: 01 Mar, 2017 08:06 PM

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महाराष्ट्र में ऑटोरिक्शा चालकों के लिए मराठी की जानकारी होना बाध्यकारी नहीं रहेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले से प्रदेश में सालों से ऑटो चला रहे।

मुंबई : महाराष्ट्र में ऑटोरिक्शा चालकों के लिए मराठी की जानकारी होना बाध्यकारी नहीं रहेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले से प्रदेश में सालों से ऑटो चला रहे गैर मराठी लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहले से जारी किए गए एक आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि ऑटो चालकों को परमिट लेने के लिए मराठी बोलना और समझना जरूरी होगा। 

ऑटो यूनियनों ने दायर की थी याचिका
सरकार के इस फैसले के विरुद्ध प्रदेश के कई ऑटो संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ जाते हुए यूनियनों ने कहा था कि सरकार ने बहुत ही गलत फैसला लिया है। अगर सरकार को ऐसा कुछ करना था तो वो नियमों में बदलाव कर सकती थी। जज अभय ओका और अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने  फैसला देते हुए कहा कि यूनियन का जो तर्क है वो काफी सही है और कोर्ट इससे सहमत है। गौरतलब है कि 1 नवंबर, 2016 को सरकार ने आदेश जारी किया था कि ऑटो रिक्शा के नए परमिट केवल उन्हीं चालकों को जारी होंगे, जिनकी मातृभाषा मराठी होगी। अकेले मुंबई में 2 लाख से अधिक ऑटोरिक्शा चालक हैं जिनमें से 70 फीसदी यूपी और बिहार के रहने वाले हैं।   

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