Edited By Yaspal,Updated: 17 Sep, 2020 05:32 PM
कोरोना को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त में भारत में कोरोना के 30 करोड़ मामले और 50-60 लाख मौतों की बात कही गई। मौजूदा समय में भारत में रोजाना कोरोना के 11 लाख टेस्ट हो...
नई दिल्लीः कोरोना को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त में भारत में कोरोना के 30 करोड़ मामले और 50-60 लाख मौतों की बात कही गई। मौजूदा समय में भारत में रोजाना कोरोना के 11 लाख टेस्ट हो रहे हैं, हमसे ज्यादा बस अमेरिका एक दिन पांच करोड़ टेस्ट करता है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हम जल्द ही अमेरिका को टेस्टिंग के मामले में पीछे छोड़ देंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने कोरोना के प्रबंंध में बिल्कुल देरी नहीं की। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सात जनवरी को कोरोना के पहले मामले का जिक्र किया और हमने आठ जनवरी से ही बैठकें करनी शुरू कर दी। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने जानकारी दी कि कोविड-19 से होने वाली मौत की दर फिलहाल, दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम (1.64 फीसदी) है और सरकार का लक्ष्य इस मृत्यु दर को घटा कर एक फीसदी से भी कम करना है।
सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के पुख्ता इंतजाम है और देश में प्रति तीन किलोमीटर पर कोविड-19 के संक्रमण से निपटने का कोई ना कोई केंद्र है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने सदन में दो दिन में लगभग चार घंटे तक कोरोना महामारी की स्थिति और निपटने के उठाए गए कदमों पर चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में देश में बुनियादी ढांचे का निर्माण कर लिया गया है।
लगभग आठ महीने पहले देश में कोरोना वायरस से निपटने का कोई इंतजाम नहीं था लेकिन सरकार के समन्वित प्रयासों से महामारी से निपटने के लिए एक बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया गया है।उन्होंने कहा कि मास्क, वेंटिलेटर और पीपीई बनाने के संयंत्र देश में हैं और इनमें खपत से ज्यादा माल का उत्पादन किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार ने जो इंतजाम किए हैं, उनसे मरीजों की संख्या में कमी आयी है और मृत्यु दर कम बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य कोरोना महामारी से मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम पर लाना है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में दुनिया भर के विशेषज्ञों ने भारत में अगस्त - सितंबर तक 30 करोड कोरोना मरीज होने और 50 - 60 लाख लोगों की मौत होने की आशंका व्यक्त की थी। यह सरकार के प्रयास ही है जिससे यह आशंका खारिज हुई है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी के इलाज की वैक्सीन बनाने का काम तीन चरणो में चल रहा है।उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस से निपटने में वैक्सीन आने के बाद इसके उत्पादन और वितरण में समय लगेगा इसलिए मास्क पहनने, सुरक्षित दूरी बनाने और बार-बार हाथ धोने के मानक का पालन करना चाहिए।