Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Feb, 2021 02:38 PM
पतजंलि की कोरोनिल टैबलेट (Coronil Tablet) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से प्रमाण पत्र मिलने की बात को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सरासर झूठ करार देते हुए आश्चर्य प्रकट किया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस बाबत स्पष्टीकरण की मांग...
नेशनल डेस्क: पतजंलि की कोरोनिल टैबलेट (Coronil Tablet) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से प्रमाण पत्र मिलने की बात को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सरासर झूठ करार देते हुए आश्चर्य प्रकट किया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस बाबत स्पष्टीकरण की मांग की। पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल दवा covid-19 को ठीक कर सकती है और साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि की गई है। WHO ने स्पष्ट किया है कि उसने किसी भी पारंपरिक औषधि को covid-19 के उपचार के तौर पर प्रमाणित नहीं किया है।
योग गुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने 19 फरवरी को कहा था कि WHO की प्रमाणन योजना के तहत कोरोनिल टेबलेट को आयुष मंत्रालय की ओर से covid-19 के उपचार में सहायक औषधि के तौर पर प्रमाण पत्र मिला है। हालांकि, पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बाद में ट्वीट कर सफाई दी थी और कहा था कि हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि कोरोनिल के लिए हमारा WHO जीएममी अनुपालन वाला सीओपीपी प्रमाण पत्र DGCI, भारत सरकार की ओर से जारी किया गया। यह स्पष्ट है कि WHO किसी दवा को मंजूरी नहीं देता। WHO विश्व में सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने के वास्ते काम करता है।
सोमवार को IMA की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि देश का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है। क्या आप इस कोरोना रोधी उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल की समयसीमा बता सकते हैं?” IMA ने कहा कि देश मंत्री से स्पष्टीकरण चाहता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को स्वतः संज्ञान लेने के लिए भी पत्र लिखेगा। यह भारतीय चिकित्सा परिषद के नियमों का उल्लंघन है।” आईएमए ने कहा कि WHO से प्रमाणन की सरासर झूठी बात पर गौर करके इंडियन मेडिकल एसोसिशन स्तब्ध है।” गौरतलब है कि हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद ने covid-19 के उपचार के लिए कोरोनिल के प्रभावकारी होने के संबंध में शोध पत्र जारी करने का दावा भी किया था।