कांग्रेस के बिहार खेमे से 'विखंडन' की चल रही ब्यार, इस तरह बन रहे समीकरण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 06:00 PM

increased possibilities of breaking into congress legislators of bihar

गुजरात के बाद अब बिहार में भी कांग्रेस खेमें के विधायकों की टूट की संभावनाओं को बल मिल रहा है।

पटना: गुजरात के बाद अब बिहार में भी कांग्रेस खेमें के विधायकों की टूट की संभावनाओं को बल मिल रहा है। बिहार में कांग्रेस के 27 विधायक हैं, लेकिन यहां हालात ऐसे हैं कि उनकी कोई भूमिका रह ही नहीं गई और मजबूरन आरजेडी के साथ ही रहना पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो राज्य के कई कांग्रेस नेता आरजेडी के साथ इस गठजोड़ से ऊब चुके हैं और करीब दर्जन भर से ज्यादा विधायक जेडीयू के संपर्क में हैं।

हालांकि कांग्रेस नेता इस तरह की खबरों खबरों का खंडन कर रहे हैं। पार्टी के एक नेता नाम ना जाहिर करने की शर्त पर कहते हैं, बिहार में भले ही आरजेडी सुप्रीमो को भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आईने से देखा जाता है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक मंच पर लाने में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर किसी महागठजोड़ की कवायद होती है, वह लालू के बिना संभव नहीं हो सकती है। इसी वजह से कांग्रेस आलाकमान भी आरजेडी को अलग रखकर किसी राजनीतिक समीकरण की बात नहीं सोचता है।

आरजेडी और कांग्रेस के बीच संबंध काफी पुराने है, जो 1997 में सीताराम केसरी के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए शुरू हुई थी। इसके बाद वर्ष 1998 में सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनी और इस दौरान उन्हें लालू प्रसाद यादव का पूरा साथ मिला था। वहीं चारा घोटाले में फंसे लालू की सरकार जब संकट में घिरी, कांग्रेस ने ही समर्थन देकर उसे उबारा था।

हालांकि बिहार में जेडीयू और आरजेडी के साथ महागठबंधन टूटने के बाद बिहार में कांग्रेस उहापोह की स्थिति में फंसी दिख रही है। उसके विधायक हताश हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आगे का रास्ता क्या होगा। भ्रष्टाचार का आरोप झेल रही आरजेडी के साथ वह अपनी नैया कैसे पार लगाएंगे। कांग्रेस नेताओं की सबसे ज्यादा नाराजगी पार्टी आलाकमान की चुप्पी को लेकर है।

कांग्रेस के अधिकांश स्थानीय नेताओं का मानना है कि तेजस्वी यादव के मामले में अगर आलाकमान नीतीश कुमार के साथ रहने का निर्णय ले लेती तो शायाद यह दिन देखना न पड़ता।बिहार की सत्ता से हाथ धोने के बाद इन्हीं शिकायतों की वजह से कांग्रेस नेता अब विकल्प की तलाश में जुट गए हैं। राज्य में कांग्रेस के 27 विधायक हैं, ऐसे में जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में अगर पार्टी टूटती है, तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!