Edited By Yaspal,Updated: 29 Jul, 2019 07:15 PM
भारत ने अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूत करने के लिए रूस के साथ सुखोई सुपर-30 लड़ाकू विमानों के लिए हवा-से हवा में हमला करने वाली मिसाइलों के लिए 1500 करोड़ रुपए का समझौता किया है। इससे भारत की युद्ध...
नेशनल डेस्कः भारत ने अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूत करने के लिए रूस के साथ सुखोई सुपर-30 लड़ाकू विमानों के लिए हवा-से हवा में हमला करने वाली मिसाइलों के लिए 1500 करोड़ रुपए का समझौता किया है। इससे भारत की युद्ध मारक क्षमता बढ़ जाएगी। रूस से मिलने वाली R-27 हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
इन मिसाइलों को सरकार ने 10-I प्रॉजेक्ट के तहत लेने का फैसला लिया है, इसके तहत यह तय किया गया है कि तीनों सेनाओं के पास जरूरी साजोसामान उपलब्ध रहे। रूस ने इन मिसाइलों को अपने मिग और सुखोई सीरीज लड़ाकू विमानों में तैनात करने के लिए तैयार किया है। इससे भारत के पास मध्यम से लंबी दूरी तक की रेंज में मार करने की क्षमता होगी।
रक्षा मंत्रालय की ओर से आपातकालीन जरूरतों के लिए मंजूरी दिए जाने के बाद बीते 50 दिनों में भारतीय वायुसेना ने अब तक अपने साजोसामान के लिए 7,600 करोड़ रुपये तक की डील्स की हैं। गौरतलब है कि इसी साल 14 फऱवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद से सरकार ने तीनों बलों को किसी भी साजोसामान की खरीद के लिए आपातकालीन शक्तियां दी हैं। भारतीय वायुसेनाने स्पाइस-2000, स्ट्रम अटाका ATGM जैसी मिसाइलें खरीदने के लिए 7600 करोड़ रुपए के सौदे को मंजूरी दी है।
बता दें कि पुलवामा हमले के बहाद केंद्र सराकर ने तीनों सेनाओं को इमरजेंसी पावर दी हैं। पाकिस्तान के साथ लगती सीमाओं के साथ, जिन हथियारों की जरूरत है, उनकी खरीद के लिए सेना को 300 करोड़ तक की डील के लिए आपातकालीन शक्तियां दी गई हैं।