Edited By Tanuja,Updated: 28 Oct, 2020 01:39 PM
पर्यटन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दूर दराज के समुदायों को सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने वाले भारतीय संगठन ने कोविड-19 महामारी के बीच भी ...
संयुक्त राष्ट्र: पर्यटन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दूर दराज के समुदायों को सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने वाले भारतीय संगठन ने कोविड-19 महामारी के बीच भी जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है। ग्लोबल हिमालयन एक्सपीडिशन (GHE) उन विजेताओं में शामिल हैं जिन्हें इस वर्ष यूएन ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
GHE दुनिया का पहला संगठन है जो पर्यटन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दूर दराज के समुदायों तक सौर ऊर्जा पहुंचाने में करता है। इस वर्ष के यूनाइटेड नेशन ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवॉर्ड की घोषणा मंगलवार को की गई जिसने दुनिया में जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हो रहे बेहतरीन कार्य के प्रति ध्यान आकर्षित किया। यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंट (UNFCCC ) की वेबसाइट की मुताबिक जीएचई पहला संगठन है जो पर्यटन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दूरस्थ समुदायों तक सौर ऊर्जा पहुंचाने में करता है और जिसे विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (WTCC) और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO ) से मान्यता प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि भौगोलिक बनावट की वजह से हिंदू कुश इलाके में रह रहे 1.6 करोड़ लोगों के पास बिजली नहीं है। जीएचई ‘इम्पैक्ट एक्सपीडिशन' के तहत पर्यटन से मिले शुल्क और अन्य राशि का इस्तेमाल गांवों में सौर पैनल खरीदने, परिवहन, स्थापित करने और ग्रामीणों को प्रशिक्षित करने में खर्च करता है ताकि बिजली के सूक्ष्म ग्रिड का परिचालन वे स्वयं कर सकें। जीएचई ने अब तक भारत के तीन क्षेत्रों के 131 गांवों का विद्युतीकरण किया है जिसका असर 60 हजार ग्रामीणों पर पड़ा है। इसके लिए धन जुटाने के लिए शुरू हिमालय अभियान में 60 देशों के 1,300 से अधिक यात्री शामिल हुए।