Edited By ,Updated: 09 Jul, 2016 04:18 PM
राधिका मेनन 5 साल पहले एेसी पहली महिला बनी थी, जिसे मर्चेंट नेवी में कैप्टन बनाया गया था और अब समुद्र में अदम्य साहस के कारण वह दुनिया क पहली एेसी महिला बनने जा रही हैं
नई दिल्ली: राधिका मेनन 5 साल पहले एेसी पहली महिला बनी थी, जिसे मर्चेंट नेवी में कैप्टन बनाया गया था और अब समुद्र में अदम्य साहस के कारण वह दुनिया क पहली एेसी महिला बनने जा रही हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मरीन ऑर्गनाईजेशन द्धारा सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। राधिका मेनन ऐसी एकमात्र भारतीय महिला हैं, जिन्हें ये अवॉर्ड दिया जा रहा है।
समुद्र में माैत से हुअा था सामना
पिछले साल जून में आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा से ओडिशा के गोपालपुर जा रही मछुआरों की एक नाव दुरगम्मा समुद्री तूफान में फंस गई और उसका इंजन भी खराब हो गया। मछुआरों के परिवारवालों को लगा कि वो सभी डूब गए हैं और वो उनके क्रिया कर्म की तैयारी करने लगे, तभी उन्हें फोन आया कि सभी मछुआरों को बचा लिया गया है।
उन्हें बचाना मेरी ड्यूटी
राधिका मेनन और उनकी टीम ने समुद्र में तूफान के बावजूद 7 ऐसे मछुआरों की जान बचाई, जिनका बचना नामुमकिन हो गया था। मेनन ने तूफान के बावजूद उन सभी मछुआरों को सुरक्षित बाहर निकाला। शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के शिप पर मौजूद मेनन ने इमेल के जरिए कहा है कि वो इस सम्मान के लिए आभारी हैं। उनका कहना है कि तूफान में फंसे लोगों को बाहर निकालना उनकी ड्यूटी थी।