Edited By Tanuja,Updated: 24 Jul, 2019 01:11 PM
लंदन के पूर्व मेयर और यूके के पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन के रूप में ब्रिटेन को अपना नया प्रधानमंत्री मिल गया...
लंदन (तनुजा तनु) लंदन के पूर्व मेयर और यूके के पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन के रूप में ब्रिटेन को अपना नया प्रधानमंत्री मिल गया । मंगलवार को कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुने जाने के बाद उन्होंने 31 अक्टूबर तक ईयू से यूके के अलग होने की (ब्रेग्जिट) प्रक्रिया को पूरी करने की प्रतिबद्धता जताई है। मौजूदा प्रधानमंत्री थरेसा मे अब क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय को अपना इस्तीफा भेजने से पहले हाउस ऑफ कॉमंस में बतौर प्रधानमंत्री आखिरी बार सवालों का सामना करेंगी। मे ने पिछले महीने ब्रेग्जिट मुद्दे पर पार्टी में विद्रोह के बाद इस्तीफे का ऐलान किया था। वह ब्रेग्जिट को लेकर यूरोपीय संघ से हुए समझौते को ब्रिटिश संसद में पास नहीं करा पाईं। बोरिस की तुलना अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से की जा रही है। माना जा रहा है कि वह ट्रंप की तरह ही अक्खड़ स्वभाव के हैं।जानते नए पीएम के बारे में बोल्ड व रोचक बातें...
- बोरिस जॉनसन ने पत्रकार, सांसद, मेयर और विदेश मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक सफ़र तय किया है।
- उन्हें लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता है और शायद यही उनके आकर्षण का राज है ।
- बोरिस तेज़ दिमाग और मेहनती शख़्स हैं।
- उन्हें न सुनना पसंद नहीं है।
- बोरिस जॉनसन अपनी निजी ज़िंदगी की वजह से मीडिया की सुर्ख़ियों में छाए रहे।
- पिछले साल वो अपनी पत्नी से अलग हो गए थे।
- राजनीतिक जीवन में भी उनके कम विवाद नहीं रहे हैं।
- कंज़र्वेटिव पार्टी के कई लोगों को लगता है कि वो कई मसले सुलझा सकते हैं.
- लंदन के मेयर रह चुके बोरिस जॉनसन अपने हेयर स्टाइल के लिए ख़ासे मशहूर हैं। सार्वजनिक जगहों पर भी वो बिखरे बालों में ही नज़र आते हैं।
- वो न्यूयॉर्क में पैदा हुए और बाद में ब्रिटेन में बस गए।
- माना जा रहा है कि वह ट्रंप की तरह ही अक्खड़ स्वभाव के हैं।
- लव अफ़ेयर के बारे में सच छुपाने पर 2004 में उन्हें कंज़र्वेटिव पार्टी से निकाल दिया गया था। वो दो बार लंदन के मेयर रह चुके हैं।
- साल 2008 में वो पहली बार शहर के मेयर बने
- उन्होंने मेयर बनते ही लंदन में सार्वजनिक वाहनों में शराब ले जाने पर रोक लगा दी. बोरिस, साइकिल चलाने के बेहद शौकीन हैं।
- उन्होंने लंदन में साइकिल किराए पर देने की स्कीम लॉन्च की जो बेहद मशहूर हुई। उन साइकिलों को बोलचाल की भाषा में बोरिस बाइक्स कहा जाने लगा।
जॉनसन की पहली पत्नी सिख परिवार से
जॉनसन का भारत के साथ भी खास कनेक्शन है। उनकी पहली पत्नी मरीना व्हीलर का संबंध भारत से है। मरीना की मां एक भारतीय मूल के सिख परिवार से ताल्लुक रखती थीं। मरीना के साथ 25 साल की वैवाहिक जिंदगी में जॉनसन ने कई बार भारत की यात्रा की। लंदन मेयर के चुनाव प्रचार के दौरान वह भारतीय समुदाय के बीच खुद को भारत का दामाद भी कहते थे।
चुनाव में महिला मित्र के साथ विवाद रहा चर्चित
प्रधानमंत्री बनने से कुछ महीने पहले जॉनसन का अपनी महिला मित्र से विवाद सुर्खियों में छाया रहा। जॉनसन और उनकी महिला मित्र के बीच आवास पर जोर से लड़ने-झगड़ने की आवाज सुनकर कुछ लोगों ने पुलिस को फोन किया था। महिला मित्र साइमंड्स से संबंध सामने आने के बाद ज़नसन का अपनी पूर्व पत्नी से तलाक हो गया।
बोरिस जॉनसन ब्रेग्जिट के प्रबल समर्थक
55 साल के बोरिस जॉनसन ब्रेग्जिट के प्रबल समर्थक हैं और उन्होंने इसके पक्ष में जमकर अभियान चलाया था। कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुने जाने के बाद उन्होंने 31 अक्टूबर तक ईयू से यूके के अलग होने की (ब्रेग्जिट) प्रक्रिया को पूरी करने की प्रतिबद्धता जताई है।
अनिश्चितता के माहौल में सत्ता संभालेंगे जॉनसन
बोरिस जॉनसन ऐसे वक्त में ब्रिटेन की सत्ता संभालने जा रहे हैं, जब ब्रेग्जिट को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। उनके सत्ता संभालने से पहले ही उन्हें पार्टी में विद्रोह का सामना करना पड़ा है। चांसलर फिलिप हैमंड समेत कई प्रमुख कैबिनेट मंत्री पहले ही यह कह चुके हैं कि जॉनसन के नेतृत्व में काम करने से बेहतर है कि वे इस्तीफा दे देंगे।
जॉनसन हो सकते हैं 'ब्रिटेन के ट्रंप'
बोरिस की जीत के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व उनकी बेटी इवांका ने बधाई दी । ट्रंप का दावा है कि बोरिस जॉनसन ब्रिटेन में लोकप्रिय हैं क्योंकि उन्हें 'ब्रिटेन के ट्रंप' के रूप में देखा जाता है। ट्रंप के पैरिस समझौते से बाहर निकलने की तरह ही बोरिस जॉनसन भी बिना परिणाम की परवाह किए ईयू से डील के बाहर निकलना चाहते हैं, लेकिन उनका यह फैसला ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए जोर का झटका साबित हो सकता है। इस फैसले के बाद ब्रिटेन एक झटके में दुनिया की एक शक्तिशाली आर्थिक संगठन से बाहर हो जाएगा। दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार ब्रिटेन पर इसका व्यापक असर पड़ेगा।आलोचकों का कहना है कि अगर बोरिस जॉनसन ऐसा कोई कदम उठाते हैं तो दुनिया में आर्थिक सत्ता के तौर पर ब्रिटेन की स्थिति कमजोर होगी।