नए कोरोना स्ट्रेन पर केंद्र की SOP : संक्रमितों के लिए अलग होगा आइसोलेशन वॉर्ड

Edited By Yaspal,Updated: 22 Dec, 2020 07:33 PM

isolation ward will be different for infected people

कोरोना वायरस के नए म्यूटेंट स्ट्रेन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर (SOP) जारी किया गया है। नए नियमों के मुताबिक, यूके फ्लाइट से आने वाले ऐसे यात्रियों को जिनमें कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलता है, उन्हें अलग से बने...

नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें संस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजना चाहिए। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगने के बाद भारत ने बुधवार से 31 दिसंबर या अगले आदेश तक ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी में 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन होकर आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी के संबंध में विभिन्न गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को पिछले 14 दिनों की यात्रा का ब्योरा देना होगा और कोविड-19 की जांच के लिए एक आवेदन भरना होगा। एसओपी में कहा गया है कि संबंधित राज्य 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर तरीके से जांच कराएंगे।

क्या हैं नए नियम?

  • एसओपी में कहा गया है कि यूके से आने वाले सभी यात्रियों का अनिवार्य रूप से एयरपोर्ट पर ही RT-PCR टेस्ट कराया जाएगा। जो यात्री पॉजिटिव पाए जाएंगे उनको एक अलग आइसोलेशन यूनिट में इंस्टिट्यूशन क्वारंटीन किया जाएगा। पॉजिटिव आए लोगों के सैंपल को जिनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी, पुणे भेजा जाएगा।
  • अगर पॉजिटिव व्यक्ति पॉजिटिव निकलता है और उसका वेरिएंट नया नहीं है तो उसका इलाज मौजूदा प्रोटोकॉल के हिसाब से किया जाएगा लेकिन अगर जिनोमिक सीक्वेंसिंग में पाया जाता है कि वेरिएंट नया है तो फिर उसका इलाज तो मौजूदा प्रोटोकॉल पर किया जाएगा लेकिन उसका 14वें दिन फिर से टेस्ट किया जाएगा। 14वें दिन किए गए टेस्ट के बाद भी अगर वह पॉजिटिव आता है तो फिर उसके तब तक सैंपल टेस्ट किए जाएंगे जब तक लगातार दो सैंपल नेगेटिव नहीं आ जाते।
  • RT-PCR टेस्ट में जो यात्री नेगेटिव आएंगे उनको घर पर क्वॉरंटीन रहने की सलाह दी जाएगी।
  • एयरलाइन यह सुनिश्चित करें कि यह सारी गाइडलाइंस चेक-इन से पहले ही यात्री को बता दी जाएं, फ्लाइट के दौरान इसकी अनाउंसमेंट की जाए, अराइवल-वेटिंग एरिया में यह गाइडलाइंस चस्पा की जाएं। 


हवाई अड्डे पर संक्रमित नहीं पाए गए यात्रियों को घर में पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी। संक्रमित पाए गए यात्रियों को संस्थानिक पृथक-वास केंद्रों में अलग कक्ष में भेजा जाएगा। जीनोम अनुक्रमण विश्लेषण को लेकर नमूनों को राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे या किसी उपयुक्त प्रयोगशाला में भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। एसओपी में कहा गया कि जीनोम अनुक्रमण में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगने पर मरीज को पृथक-वास के अलग कक्ष में ही रखा जाएगा। मौजूदा परामर्श के तहत आवश्यक उपचार किया जाएगा और शुरुआती जांच के 14 वें दिन फिर से जांच की जाएगी।

दिशा-निर्देश में कहा गया, ‘‘अगर 14 वें दिन भी नमूनों में संक्रमण की पुष्टि होती है तो आगे 24 घंटे के अंतराल पर दो बार और नमूने लेकर जांच की जाएगी।'' जिन यात्रियों में संक्रमण की पुष्टि नहीं होगी उनकी सूची एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के साथ साझा की जाएगी। ऐसे यात्रियों को भी घर पर पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी। ब्रिटेन से 25 नवंबर और आठ दिसंबर के बीच भारत आने वाले यात्रियों से जिला निगरानी अधिकारी संपर्क करेंगे और उन्हें अपने स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी करने के लिए कहेंगे और किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर आरटी-पीसीआर तरीके से जांच करायी जाएगी।

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