ISRO ने फिलहाल टाला चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण, इस साल के अंत में होगा लॉन्च

Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Apr, 2018 02:07 PM

isro currently avoids launch of chandrayaan 2

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने सरकार को सूचित किया कि चंद्रमा पर भारत के दूसरे मिशन ‘चंद्रयान-2’ को इस साल के अंत तक के लिए टाल दिया गया है। ‘चंद्रयान-2’ को इसी महीने भेजा जाना था। इसरो सूत्रों ने बताया कि चंद्रयान-2

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने सरकार को सूचित किया कि चंद्रमा पर भारत के दूसरे मिशन ‘चंद्रयान-2’ को इस साल के अंत तक के लिए टाल दिया गया है। ‘चंद्रयान-2’ को इसी महीने भेजा जाना था। इसरो सूत्रों ने बताया कि चंद्रयान-2 की समीक्षा के लिए गठित राष्ट्रीय स्तर की समिति ने मिशन के प्रक्षेपण से पहले कुछ अतिरिक्त परीक्षणों की सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि सावधानी बरतने के लिहाज से ऐसा किया जा रहा है क्योंकि चंद्रयान-2 इसरो का पहला अंतर-ग्रहीय मिशन होगा जो किसी खगोलीय पिंड पर ‘रोवर’ ( यान ) उतारेगा।

PMO को दी जानकारी
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि एक बैठक के दौरान सिवन ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह (जो अंतरिक्ष विभाग का कामकाज देखते हैं) को आगामी चंद्रयान-2 मिशन के बारे में सूचित किया। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण इस साल अक्तूबर-नवंबर में श्रीहरिकोटा से किए जाने की संभावना है। पिछले महीने देश के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-6 ए का अंतरिक्ष में पृथ्वी से संपर्क टूट गया जिससे इसरो को बड़ा झटका लगा था। महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 एक ‘लैंड-रोवर’ और ‘प्रोब’ से लैस होकर चांद की सतह पर उतरेगा और फिर वहां से वे मिट्टी, पानी वगैरह के नमूने इकट्ठा करेगा ताकि विस्तृत विश्लेषण एवं शोध के लिए उन्हें पृथ्वी पर लाया जा सके। यह चंद्रमा पर अपनी तरह का पहला मिशन होगा।

800 करोड़ का आएगा खर्च
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ‘रोवर’ को उतारा जाएगा जिसे काफी दुर्गम क्षेत्र माना जाता है। वहां करोड़ों साल पहले निर्मित चट्टानें हैं। अन्य देशों के चंद्र मिशनों में इस पहलू का अध्ययन अब तक नहीं किया गया है। चंद्रयान-2 से पहले इसरो ने चंद्रमा पर चंद्रयान-1 और मंगल ग्रह पर मंगलयान मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया था। चंद्रयान -2 मिशन की कुल लागत 800 करोड़ रुपए है जिसमें 200 करोड़ रुपए प्रक्षेपण और 600 करोड़ रुपए उपग्रह पर खर्च होने हैं। सिवन ने मंत्री को बताया, ‘‘यह लागत 1,500 करोड़ रुपए की लागत के करीब आधी है जो तब खर्च हुई होती जब ऐसे ही मिशन को किसी विदेशी प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया होता।’’ इस साल फरवरी में संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने पत्रकारों को बताया था कि इसरो अप्रैल में चंद्रयान -2 का प्रक्षेपण करेगा।

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