Edited By Anil dev,Updated: 20 Dec, 2018 06:10 PM
जम्मू-कश्मीर में छह महीने का राज्यपाल शासन पूरा होने के बाद बुधवार को मध्यरात्रि से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इससे केन्द्रीय कैबिनेट को आतंकवाद से ग्रस्त इस राज्य के बारे में तमाम नीतिगत फैसले लेने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इससे पहले 6 महीने के...
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में छह महीने का राज्यपाल शासन पूरा होने के बाद बुधवार को मध्यरात्रि से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इससे केन्द्रीय कैबिनेट को आतंकवाद से ग्रस्त इस राज्य के बारे में तमाम नीतिगत फैसले लेने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इससे पहले 6 महीने के लिए राज्य में राज्यपाल शासन लागू था।
आइए जानते हैं राज्यपाल शासन से कितना अलग है राष्ट्रपति शासन...
जम्मू कश्मीर में बाजेपी और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद 20 जून 2018 को राज्यपाल शासन लागू किया गया। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद छह महीने तक राज्यपाल शासन लगाया जाता है। इस दौरान विधानसभा या तो निलंबित रहती है या इसे भंग कर दिया जाता है। अगर इन छह महीनों के भीतर राज्य में संवैधानिक तंत्र बहाल नहीं हो जाता, तो राज्यपाल शासन को आगे बढ़ाया जा सकता है या राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
देशभर में संविधान की धारा 356 के तहत लगता है राष्ट्रपति शासन
राष्ट्रपति शासन उस स्थिति में भी लागू होता है, जब राज्य विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं हो।भारत के संविधान का अनुच्छेद-356, केंद्र की संघीय सरकार को राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या संविधान के स्पष्ट उल्लंघन की दशा में उस राज्य सरकार को बर्खास्त कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार देता है।
जम्मू कश्मीर में प्रदेश के संविधान की धारा 92 के तहत लगता है राज्यपाल शासन
जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू है और संविधान की इस धारा के तहत केंद्र सरकार और संसद के पास राज्य से जुड़ी सिर्फ कुछ ही मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार होता है। बाकी मुद्दे प्रांतीय सरकार के पास होते हैं और विधानसभा की ओर से सरकार के कार्यों को समर्थन दिया जाता है। इसी के तहत जहां पूरे देश में 356 के तहत राष्ट्रपति का शासन लगता है वहीं, जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही राज्यपाल शासन लागू होता है और ऐसा प्रदेश के संविधान में मौजूद धारा 92 के तहत होता है।
6 महीने के राज्यपाल शासन के बाद जम्मू कश्मीर में अब लगा राष्ट्रपति शासन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने वाली राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की रिपोर्ट पर सोमवार को फैसला किया था। संविधान के अनुच्छेद 74(1)(आई) के तहत प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को मदद करेगी और सलाह देगी।
क्या है अनुच्छेद 74 (1)
अनुच्छेद 74(1) के तहत प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का प्रधान होता है। इसके अनुसार, प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को नियुक्त, बर्खास्त और त्यागपत्र पर फैसले की सिफारिश राष्ट्रपति से करता है।