राष्ट्रीय सम्मान के साथ दी गई करुणानिधि को अंतिम विदाई, मरीना बीच पर दफनाया गया

Edited By Anil dev,Updated: 08 Aug, 2018 07:19 PM

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द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सुप्रीमो एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की अंतिम शव यात्रा राजा जी हॉल से शुरू होकर मरीना बीच पर पहुंची, जहां उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ दफनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सुप्रीमो एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की अंतिम शव यात्रा राजा जी हॉल से शुरू होकर मरीना बीच पर पहुंची, जहां उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया। करुणानिधि की अंतिम यात्रा में उन्हें विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। गौरतलब है कि करुणानिधि का मंगलवार को शाम 6 बजकर 10 मिनट पर 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और स्थिति बिगड़ने पर उन्हें 28 जुलाई को कावेरी अस्पातल में भर्ती कराया गया था।

  • करुणानिधि का मरीना बीच पर किया गया दाह संस्कार
  • तमिलनाडु सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया
  • आधा झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज

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उनके निधन का समाचार फैलते ही पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गयी। कल रात उनकी हालत गंभीर होने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग अस्पताल के बाहर जमा होना शुरू हो गए थे और आज शाम भारी भीड़ जमा थी।

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आपको बतां दे कि इससे पहले सोमवार को भी अस्पताल की तरफ से जारी मेडिकर बुलेटिन में करुणानिधि की हालत बेहद नाजुक बताई गई थी। कल जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार उनके शरीर के महत्‍वपूर्ण अंगों को कार्य करने लायक बनाए रखना चुनौती बना हुआ था।

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कावेरी अस्पताल ने एक बयान जारी कर कहा कि 94 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की जा रही थी और वह मेडिकल सपोर्ट पर थे। उसके अनुसार, 'द्रमुक अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि का स्वास्थ्य बिगड़ा था। ज्यादा उम्र होने के कारण उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की कार्य क्षमता को बनाए रखना चुनौती साबित हो रही थीं।

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करुणानिधि ने इसी साल तीन जून को अपना 94वां जन्मदिन मनाया था। ठीक 50 साल पहले 26 जुलाई को ही उन्होंने डीएमके की कमान अपने हाथ में ली थी। लंबे समय तक करुणानिधि के नाम हर चुनाव में अपनी सीट न हारने का रिकॉर्ड भी रहा।

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वे पांच बार मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे। अभी तक वह जिस भी सीट पर चुनाव लड़े थे, उन्होंने हमेशा जीत दर्ज की।  

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