Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Feb, 2019 11:34 AM
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा और इसके स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को कानूनी चुनौती दिए जाने के खिलाफ अलगाववादियों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया।
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा और इसके स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को कानूनी चुनौती दिए जाने के खिलाफ अलगाववादियों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया। अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए की संवैधनिक वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और यासीन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादियों के संगठन संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने यहां कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने की नई दिल्ली की हर चुनौती का पूरी ताकत से विरोध करेंगे।
शीर्ष अदालत इस सप्ताह अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। चुनौती के विरोध में अलगाववादियों ने बुधवार और गुरुवार को पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया। जेआरएल ने चेतावनी दी कि यदि अदालत ने जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों के विपरीत फैसला दिया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होने कहा कि हमें प्रतिक्रिया के लिए विवश करने वाले इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार होंगे। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने मुद्दे पर कहा कि जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे के कमजोर होने के चलते राज्य के लोगों में अलगाव की भावना और नई दिल्ली के प्रति अविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधान से छेड़छाड़ के गंभीर परिणाम होंगे। अनुच्छेद 35 ए सिर्फ कानूनी मामला नहीं, बल्कि नई दिल्ली और जम्मू कश्मीर के लोगों के बीच विश्वास का भी मामला है।