Edited By Monika Jamwal,Updated: 31 Dec, 2018 04:43 PM
बंदूक की गोलियों और बम धमाकों से हमेशा खौफ के साये में जीने वाले कश्मीरी बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है।
श्रीनगर : बंदूक की गोलियों और बम धमाकों से हमेशा खौफ के साये में जीने वाले कश्मीरी बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है। आतंक से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में शुमार शोपियां के सोफी परिवार की बेटी इफ्रा शेराज ने जम्मू-कश्मीर प्रदेश बोर्ड परीक्षा में 99 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है। लेकिन कश्मीर घाटी की परिस्थितियों का असर इन बच्चों के जीवन पर साफ देखने को मिलता है।
लगातार हिंसा और डर के चलते इफ्रा अवसाद की स्थिति का सामना कर रही है। इफ्रा कहती हैं, यहां हमेशा एनकाउंटर होते रहते हैं। जब मेरी परीक्षाएं चल रही थीं तब भी घर के पास ही गोलियां बरस रही थीं। उस दिन मैं परीक्षा की तैयारी भी नहीं कर पाई। जल्दी सोने के लिए मुझे दवाइयों का सहारा लेना पड़ा। इसी के चलते मैं अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन भी नहीं कर पाई, हिंसा के चलते साल में लगभग आधे से ज्यादा समय तक पुलवामा स्थित उनका स्कूल बंद रहा। इन अशांत इलाकों के बच्चों ने तमाम चुनौतियों के बावजूद कश्मीर के दूसरे हिस्सों के बजाए परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया। इफ्रा के पिता शेराज अहमद कहते हैं कि हिंसा के चलते वह अपनी ट्यूशन भी नियमित रूप से नहीं जा पाती थी उसकी उपलब्धि सिर्फ उसकी मेहनत का ही परिणाम है।