स्वदेशी तकनीक से सीमाओं पर नजर, डीआरडीओ ने तैयार किया एंटी ड्रोन

Edited By Yaspal,Updated: 31 Aug, 2021 09:57 PM

keeping an eye on the borders with indigenous technology

भारत ने स्वदेशी एंटी ड्रोन तकनीक विकसित कर लिया है। इस तकनीक से अब देश की सीमा और सुरक्षित हो जाएगी। भारतीय नौसेना ने हार्ड और सॉफ्ट किलर क्षमताओं के साथ पहले स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम की आपूर्ति के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स

नेशनल डेस्कः भारत ने स्वदेशी एंटी ड्रोन तकनीक विकसित कर लिया है। इस तकनीक से अब देश की सीमा और सुरक्षित हो जाएगी। भारतीय नौसेना ने हार्ड और सॉफ्ट किलर क्षमताओं के साथ पहले स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम की आपूर्ति के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ करार किया है।नेवल एंटी ड्रोन सिस्टम (एनएडीएस) को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने बनाया है। 
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ये एंटी-ड्रोन सिस्टम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का भी हिस्सा होंगे। दरअसल, पाकिस्तान के आतंकी लाइन ऑफ कंट्रोल और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जम्मू-कश्मीर में हथियार भेजने के लिए चाइनीज निर्मित कॉमर्शियल ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसे देखते हुए डीआरडीओ ने एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित की है,जिससे दुश्मन के ड्रोन्स को कुछ ही पलों में निष्क्रिय कर गिरा दिया जाएगा। 

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