कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार का गिरना तय, SC ने कहा- 15 बागियों पर व्हिप लागू नहीं होगा

Edited By Pardeep,Updated: 18 Jul, 2019 05:28 AM

kumaraswamy government s decision to fall in karnataka

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि स्पीकर इन विधायकों के इस्तीफों पर अपने अनुसार विचार करें, वह खुद फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बैंच ने यह भी कहा कि बागी विधायकों...

बेंगलुरु: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि स्पीकर इन विधायकों के इस्तीफों पर अपने अनुसार विचार करें, वह खुद फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बैंच ने यह भी कहा कि बागी विधायकों को भी फ्लोर टैस्ट में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
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विधायकों की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अदालत के फैसले के ये मायने हैं कि अब बागियों पर व्हिप लागू नहीं होगा। मुकुल रोहतगी ने फैसले के बाद बताया कि 15 विधायक गुरुवार को विधानसभा में उपस्थित नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है कि कोई भी इन विधायकों को विश्वास मत के लिए बाध्य नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति में बचे हुए विधायकों के जरिए ही सरकार को बहुमत साबित करना होगा। 
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सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से कर्नाटक में कांग्रेस-जे.डी.एस. की सरकार खतरे में है। कुमारस्वामी सरकार आज विश्वासमत साबित करेगी। ऐसे में अगर बागी विधायक सदन की कार्रवाई में शामिल नहीं होते तो सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। कर्नाटक में स्पीकर को छोड़कर विधायकों की संख्या 223 है। बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन जरूरी है। कांग्रेस (78), जे.डी.एस. (37) और बसपा (1) की मदद से कुमारस्वामी सरकार के पास अभी 116 विधायक हैं। अगर बागी विधायक विश्वासमत के दौरान अनुपस्थित रहते हैं तो सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी। तब बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाएगा लेकिन बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और सरकार गिर जाएगी। 
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विधानसभा की कार्रवाई में नहीं लेंगे हिस्सा (बागी विधायक )
कर्नाटक राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश की सराहना करते हुए कांग्रेस-जद (एस) के बागी विधायकों ने बुधवार को कहा कि विधानसभा से अपने इस्तीफे पर अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं है और न ही वे विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस-जद (एस) के ये बागी विधायक मुम्बई में डेरा डाले हुए हैं। कर्नाटक विधानसभा में सरकार के बहुमत साबित करने से एक दिन पहले मीडिया में जारी एक वीडियो संदेश में बागी कांग्रेस विधायक बी.सी. पाटिल ने कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले से हम खुश हैं और इम इसका सम्मान करते हैं।’’ 

न्यायालय के फैसले ने पेश की खराब न्यायिक मिसाल : कांग्रेस 
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक के सियासी संकट पर उच्चतम न्यायालय के फैसले ने व्हिप को अमान्य करार दे दिया है और उन विधायकों को ‘पूर्ण संरक्षण’ दे दिया है जिन्होंने जनादेश के साथ विश्वासघात किया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला ने कई ट्वीट कर कहा कि व्हिप को निष्प्रभावी और संविधान की 10वीं सूची का विस्तार करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश ने खराब न्यायिक मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि विधायकों को जिस तरह पूर्ण संरक्षण दिया गया है वह पहले कभी नहीं सुना गया। 

मुख्यमंत्री बहुमत खो चुके हैं। उन्हें कल इस्तीफा दे देना चाहिए। यह बागी विधायकों की नैतिक जीत है। यह सिर्फ अंतरिम आदेश है, सुप्रीम कोर्ट बाद में स्पीकर के अधिकारों पर फैसला लेगा।-बी.एस. येद्दियुरप्पा, पूर्व मुख्यमंत्री    

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