जिस बटालियन के लिए कारगिल में पिता हुए थे शहीद, उसी में अफसर बना बेटा

Edited By Anil dev,Updated: 11 Jun, 2018 03:36 PM

lance naik bachchan singh hitesh kumar kargil

आपने अक्सर उन शहीदों की कथाएं सुनी और देखी होंगी, जिन्होंने देश के लिए हंसते हुए अपनी जानें कुर्बान कर दी। उन शहीदों में लांस नायक बच्चन सिंह नाम का एक जवान ऐसा भी था जो कि कारगिल की जंग में 12 जून 1999 को तोलोलिंग में दुश्मनों से लड़ते हुए अपने...

नई दिल्ली: आपने अक्सर उन शहीदों की कथाएं सुनी और देखी होंगी, जिन्होंने देश के लिए हंसते हुए अपनी जानें कुर्बान कर दी। उन शहीदों में लांस नायक बच्चन सिंह नाम का एक जवान ऐसा भी था जो कि कारगिल की जंग में 12 जून 1999 को तोलोलिंग में दुश्मनों से लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। राजपूताना राइफल्स की दूसरी बटालियन में लांस नायक बचन सिंह की शहादत की खबर जब घर में पहुंची, तो उनका बेटा हितेश कुमार महज 6 साल का था।PunjabKesariपिता की खोने के बाद ही हितेश ने यह कसम खाई थी कि वह बड़ा होकर वह आर्मी में शामिल होगा। लगभग 19 साल बाद हितेश भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पास होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर जुड़ गए हैं। हितेश भी उसी बटालियन को ज्वाइन करने जा रहे हैं, जिसमें उनके पिता तैनात थे। हितेश ने सिविल लाइन में अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। 
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मीडिया से बातचीत के दौरान हितेश ने कहा, '19 सालों तक मैंने केवल भारतीय सेना में भर्ती होने का सपना देखा। यह मेरी मां का भी सपना बन गया था। अब मैं पूरी ईमानदारी और गर्व के साथ देश की सेवा करना चाहता हूं। 
PunjabKesariवहीं हितेश की मां के भारतीय सेना में भर्ती होने के बाद मां कमेश बाला के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'बच्चन के शहीद होने के बाद जिंदगी बहुत कठिन हो गई थी। मैंने अपनी पूरी जिंदगी अपने दोनों बेटों का पालन-पोषण करने में समर्पित कर दी। 


 

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