जनता के दबाव में झुकी कोर्ट, दायर करेंगे पुनर्विचार याचिका: वकील

Edited By ,Updated: 05 May, 2017 06:11 PM

lawyer ap singh statement on nirbhaya gangrape case

निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चाराें दाेषियाें की फांसी की सजा काे बरकरार रखा है।

नई दिल्लीः निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चाराें दाेषियाें की फांसी की सजा काे बरकरार रखा है। वहीं, दोषियों के वकील ए.पी.सिंह का कहना है कि जो भी अपराधी हैं वह आदतन अपराधी नहीं हैं, इनका कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। हमारा देश गांधी के आदर्शों पर चलने वाला देश है, हम अहिंसा को बढ़ावा क्यों दे रहे हैं। सिंह ने कहा कि समाज में संदेश देने के लिए किसी को फांसी नहीं दे सकते हैं। मानवाधिकार की धज्जियां उड़ गईं। उन्हाेंने कहा, जो दोषी हैं वो अभी बच्चे हैं, स्टूडेंट हैं सभी को बेरोजगारी की दिक्कत थी। अक्षय कुमार बिहार के औरंगाबाद से आया है वो बेरोजगार था। तो वहीं विनय कुमार बीए का स्टूडेंट था और जिम ट्रेनर के तौर पर कार्यरत था। जबकि पवन गुप्ता अपने पिता के साथ काम कर रहा था, ये सभी पढ़ रहे थे। 

‘दबाव में कोर्ट ने घुटने टेके’
सिंह ने कहा कि वह निर्णय की प्रति का इंतजार कर रहे हैं और इसके अध्ययन के बाद ही अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे, परंतु निश्चित ही पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा, न्यायपालिका से आतंकवादियों को राहत मिल रही है, परंतु हमारा उच्चतम न्यायालय में पूर्ण विश्वास है। चारों दोषियों की गरीब परिवार की पृष्ठभूमि है और मैं उम्मीद करता हूं कि उन्हें न्याय मिलेगा। हम फैसले का अध्ययन करने के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे, क्योंकि शीर्ष अदालत ने जनता और इस घटना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दबाव में आकर घुटने टेक दिए। वहीं, मौत की सजा पाने वाले मुकेश सिंह के वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी कहा कि पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि उनके मुवक्किलों में से एक मुकेश सिंह को इस मामले में फंसाया गया है।   

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