Edited By Anil dev,Updated: 03 Apr, 2020 05:43 PM
चीन से फैले जानलेवा कोरोना वायरस की दहशत पूरी दुनिया में बढ़ती जा रही है। इस संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया हुआ है। वहीं कोरोना वायरस से जंग कोहीं लेकर लागू हुए लॉकडाऊन का असर पूरे देश में दिख रहा है।...
नई दिल्ली: चीन से फैले जानलेवा कोरोना वायरस की दहशत पूरी दुनिया में बढ़ती जा रही है। इस संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया हुआ है। वहीं कोरोना वायरस से जंग कोहीं लेकर लागू हुए लॉकडाऊन का असर पूरे देश में दिख रहा है। गरीब व मजदूर खाने की आस में आंखें बिछाए बैठे रहते हैं।
तीन बहने खाने की तलाश में थी
ताजा मामला बिहार (Bihar) के भागलपुर का है। खंजरपुर इलाके के पास विषहरी स्थान में तीन बहनें गौरी कुमारी, आशा कुमारी और कुमकुम कुमारी रहती हैं। तीनों लडकियों के पिता सनोद रजक और मां की मौत पहले ही हो चुकी है.। तीनों बहनें लोगों के घरों में दाई का काम कर अपना जीवन चला रही थीं। लेकिन लॉकडाउन के कारण इनके जीवन पर खासा असर पड़ा और ये खाने के लिए तड़स गई थी।
पीएम को किया फोन
तीनों बहनें तीन दिन से खाने के इंतजार में बैठी रही, लेकिन शासन प्रशासन के कानों तक जू भी नहीं लगी। भूख से तड़प रही लड़कियों ने मजबूरी में प्रधानमंत्री कार्यालय में फोन घूमा दिया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य के प्रशासन तक हलचल मच गई। बिहार सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से तुरंत मदद मुहैया कराने का आदेश दिया गया। जब सीओ उन तीनों बच्ची के घर पहुंचें तो तीनों लड़कियां भूखीं थी। घर में खाने का कोई सामान नहीं था।
प्रशासन आया सकते में
CO ने बताया कि तीनों लड़कियों को खाने के साथ साथ खाने का सूखा सामान भी दिया गया है. उन्हें चूड़ा, दालमोट, बिस्कुट भी दिया गया है। सीओ ने कहा कि हर रोज तीनों बहनों को खाना दिया जाएगा। आज उन्हें एक सप्ताह का राशन भी दिया जाएगा। प्रशासन उन्हें दूसरी सुविधायें भी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण निम्न वर्ग के लोग खासा प्रभावित हुए हैं।