बजट सत्रः सासंदों के व्यवहार से नाराज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, नहीं आए सदन में

Edited By Yaspal,Updated: 05 Mar, 2020 08:12 PM

lok sabha speaker om birla annoyed by the behavior of mps

लोकसभा में मंगलवार को कुछ सदस्यों के व्यवहार से आहत अध्यक्ष ओम बिरला गुरुवार को भी लगातार दूसरे दिन सदन में नहीं आए। बताया गया है कि बिरला सदन में सदस्यों के बर्ताव से बहुत क्षुब्ध हैं और इस वजह से सदन में नहीं आ रहे हैं। गुरुवार सुबह 11 बजे जब सदन...

नई दिल्लीः लोकसभा में मंगलवार को कुछ सदस्यों के व्यवहार से आहत अध्यक्ष ओम बिरला गुरुवार को भी लगातार दूसरे दिन सदन में नहीं आए। बताया गया है कि बिरला सदन में सदस्यों के बर्ताव से बहुत दुखी हैं और इस वजह से सदन में नहीं आ रहे हैं। गुरुवार सुबह 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य दिल्ली हिंसा पर तुरंत चर्चा कराने और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की माँग को लेकर नारे लगाते हुए आसन के करीब आ गए।

पीठासीन उपाध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा कि वह पीठ की तरफ से सदन को बताना चाहते हैं कि कुछ सदस्यों के बर्ताव से अध्यक्ष महोदय बहुत दु:खी हैं और इसी वजह से वह सदन में नहीं आ रहे हैं। सदन में अध्यक्ष को जिस तरह से चुनौती दी जा रही है वह दुखद है और उससे दु:खी होना अध्यक्ष का अधिकार है। अध्यक्ष कुछ सदस्यों के व्यवहार को लेकर बहुत दु:खी हैं और यही कारण है कि वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा कराने की विपक्ष की माँग को लेकर मंगलवार को हुए भारी हंगामे के दौरान सदस्यों ने कागज फाड़कर अध्यक्ष के आसन की ओर फेंक दिए थे तथा विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। उस दिन सुबह दो बार स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने दिल्ली में हुए दंगों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करना शुरु कर दिया। हँगामे के बीच ही बिरला ने सबसे पहले जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाएं।

इसके बाद उन्होंने बैंककारी विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम पुकारा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी तथा विपक्ष के लगभग सभी सदस्यों ने खड़े होकर दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग की। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और होली के बाद 11 मार्च को इस पर चर्चा होगी। इस पर विपक्ष का हँगामा और बढ़ गया तथा विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब आ गए। कुछ विपक्षी सदस्य कागज फाड़कर आसन की तरफ उछालने लगे।

अध्यक्ष ने बिना चर्चा के ही विधेयक पारित कराने की कोशिश की और कुछ संशोधन ध्वनि मत से पारित भी करा दिए। विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे गलत बताया। इसके बाद कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सत्ता पक्ष की ओर जाकर अध्यक्ष के आसान के पास पहुंच गए। कुछ कहने के बाद वे वापस जा रहे थे, लेकिन महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी तथा सत्ता पक्ष की कुछ अन्य सदस्य इस बीच अपनी सीट छोड़कर रास्ते में आ चुकी थीं जिसके कारण चौधरी अपनी सीट पर नहीं जा सके।

विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य चौधरी के लिए रास्ता बनाते हुए उन्हें पकड़कर वापस ले जाने लगे, लेकिन तब तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्य आसन के समीप आ चुके थे। उनके बीच आपस में जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। दोनों तरफ के अन्य सदस्य भी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े हो गए जिससे सदन में भारी शोरगुल और हंगामा शुरु हो गया और बिरला ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दिए जाने के बावजूद दोनों पक्षों के सदस्य कुछ देर तक सदन में जमे रहे और उनके बीच जोर-जोर से तीखी नोंकझोंक जारी रही। मंगलवार की उस घटना के बाद से बिरला सदन में नहीं आए।

 

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