गुजरात चुनावः पाटीदार बहुल क्षेत्रों में इस बार हुआ सबसे कम मतदान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 02:52 PM

lowest voting in patidar rural areas

चुनाव आयोग ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि 2012 की तुलना में इस साल गुजरात चुनाव के पहले चरण में बहुत कम लोगों ने मतदान किया जोकि 4.6 फीसदी कम रहा। विज्ञप्ति में बताया कि जहां 89 सीटों पर चुनाव हुआ जिनमें 48 सीटें पाटीदार-वर्चस्व वाले...

अहमदाबाद: चुनाव आयोग ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि 2012 की तुलना में इस साल गुजरात चुनाव के पहले चरण में बहुत कम लोगों ने मतदान किया जोकि 4.6 फीसदी कम रहा। विज्ञप्ति में बताया कि जहां 89 सीटों पर चुनाव हुआ जिनमें 48 सीटें पाटीदार-वर्चस्व वाले सौराष्ट्र क्षेत्र में हैं। कच्छ और दक्षिण गुजरात के अन्य क्षेत्रों में 93 सीटों के लिए दूसरे और अंतिम चरण का मतदान 14 दिसंबर को होगा। मतगणना 18 दिसंबर को होगी।

पाटीदार इलाकों में सबसे कम मतदान
अंतिम आकड़ों के अनुसार शनिवार को 66.85% मतदान दर्ज किया गया जबकि 2012 में इन क्षेत्रों में 71.35% मतदान हुआ था। आकड़ों के अनुसार आदिवासी बहुल नर्मदा जिले में सर्वाधिक 79.15 फीसदी मतदान हुआ जबकि सौराष्ट्र क्षेत्र की देवभूमि-द्वारका सीट पर सबसे कम 59.39 फीसदी मतदान हुआ, जहां पर ओबीसी की बड़ी आबादी है। पाटीदार प्रभाव वाले क्षेत्र में 5 से 12 प्रतिशत मतदान कम हुआ। इस बार कांग्रेस भाजपा से 22 साल सत्ता हथियाने की कोशिश में है। इस बार अधिकतर पाटीदार नेता कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक मतदान में गिरावट मौजूदा सरकार के प्रति असंतोष की भावना जरूर हो सकती है लेकिन इसको कांग्रेस के लिए मजबूत पक्ष नहीं कह सकते क्योंकि मतदाताओं की अधिकतर भावना कांग्रेस के साथ नहीं जुड़ी है। 2012 में जब मोदी राज्य में मुख्यमंत्री थे तो मतदाताओं में चुनाव को लेकर काफी उत्साह था। पाटीदार समाज के लोग 2015 से ही भाजपा से नौकरियों और कॉलेज प्रवेश पर आरक्षण की मांग कर रहे हैं। पाटीदार इलाके में कुल आबादी का 12% हिस्सा है जो  लगभग 60 विधानसभा सीटों में परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को इनके समाज का सबसे दमदार चेहरा माना जाता है। उन्होंने ही कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी जिसके बाद से गुजरात चुनाव का रुख पूरी तरह से ही पलट गया। पाटीदार के जिन इलाकों में मतदान में गिरावट आई वो हैं- मोरबी, राजकोट ईस्ट, जेटपूत, जामनगर उत्तर, सूरत उत्तर और कटारगाम। केवल राजकोट पश्चिम ही ऐसा क्षेत्र है जहां स्वयं मुख्यमंत्री विजय रुपाणी चुनाव लड़ रहे हैं, वहां 4.07 अधिक मतदान हुआ।

कहां कितना हुआ मतदान
-क्षेत्रवार की तरफ देखें तो सौराष्ट्र में इस बार मतदान में 6% गिरावट आई हैं जबकि कच्छ में 3.63 प्रतिशत और दक्षिण गुजरात 3.22% मतदान कम हुआ।

 -दक्षिण गुजरात के सभी जिलों में सूरत को छोड़कर सबसे ज्यादा 70% से अधिक मतदान हुआ जबकि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में कुल 64.21% मतदान हुआ। जबकि कच्छ में 64.88% मतदाता मतदान हुआ।

-विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में, नर्मदा में आरक्षित आदिवासी बहुल डेडीयापाड़ा सीट पर सबसे ज्यादा  84.63% और गांधीधाम (एससी) में सबसे कम 54.18% मतदान हुआ।

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