Edited By Anil dev,Updated: 12 Dec, 2019 12:10 PM
शादी के पलों को यूं तो खुशनुमा बनाने के लिए कई चीजें हैं, लेकिन जो इन दिनों मॉडर्न कपल्स के बीच प्रसिद्ध है वह है प्री वेडिंग फोटोशूट। इसकी मदद से दूल्हा दुल्हन शादी से पहले के कुछ पलों को महसूस कर एक यादों का पिटारा बना लेते है।
नई दिल्ली: शादी के पलों को यूं तो खुशनुमा बनाने के लिए कई चीजें हैं, लेकिन जो इन दिनों मॉडर्न कपल्स के बीच प्रसिद्ध है वह है प्री वेडिंग फोटोशूट। इसकी मदद से दूल्हा दुल्हन शादी से पहले के कुछ पलों को महसूस कर एक यादों का पिटारा बना लेते है। कई इसे शादी से पहले पूरा कर लेते हैं तो कई का यह सिर्फ सपना रह जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि 21वीं सदी में भी कई समुदाय ऐसे हैं जो शादी से पहले लड़का-लड़की के मिलने और फोटोशूट करने को गलत मानते हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश के भोपाल में जैन और गुजराती समाज की पंचायत ने शादी से पहले प्री वेडिंग शूट और लेडीज संगीत कार्यक्रमों में कोरियोग्राफर बुलाकर डांस सीखने-सिखाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह का बैन लगाने के पीछे दोनों समाज का तर्क है कि ये हमारी संस्कृति के खिलाफ है और इसकी वजह से समाज में कई तरह की समस्या हो रही है। संगठनों ने अपने समाज के लोगों को शादी के पहले फोटो खिंचाने व शादी कार्यक्रम के लिए लड़कियां के डांस प्रैक्टिस के लिए पुुरुष कोरियोग्राफरों की सेवा लेने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।
प्रतिबंध का एम.पी. के मंत्री ने किया समर्थन
वहीं मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने जैन और गुजराती समाज के संगठनों द्वारा शादी के पहले फोटो खिंचवाने (प्री-वैडिंग शूट) और महिलाओं के डांस प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से हमारी संस्कृति के विरुद्ध है। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं था। मैं मानता हूं कि लोग जो भी प्रतिबंध लगाते हैं वह सामाजिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर करते हैं। लोग अगर रीति-रिवाजों व संस्कृति का पालन करेंगे तो उनका शादीशुदा जीवन ज्यादा अच्छा व सफल रहेगा।