Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Nov, 2018 03:41 PM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पश्चिम बंगाल सरकार पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है क्योंकि वह कोलकाता और हावड़ा में वायु गुणवत्ता सुधारने के हरित पैनल के दो वर्ष पुराने आदेश का अनुपालन करने में नाकाम रही।
कोलकाता: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पश्चिम बंगाल सरकार पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है क्योंकि वह कोलकाता और हावड़ा में वायु गुणवत्ता सुधारने के हरित पैनल के दो वर्ष पुराने आदेश का अनुपालन करने में नाकाम रही। न्यायमूर्ति एस.पी. वांगड़ी और गैर न्यायिक सदस्य नागिन नंदा की एनजीटी के पूर्वी क्षेत्र की मुख्य पीठ ने मंगलवार को कहा कि आदेश के दो हफ्ते के भीतर यह जुर्माना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को अदा किया जाए।
ऐसा नहीं होने पर सरकार को हर एक महीने के विलंब पर अतिरिक्त एक करोड़ रुपए का भुगतान सीपीसीबी को करना होगा। पीठ ने कहा कि उक्त आदेश इसलिए दिया गया क्योंकि एनजीटी के वर्ष 2016 के आदेश में वायु प्रदूषण रोकने के लिए जो उपाय सुझाए थे, उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार ने लागू नहीं किया।
वर्ष 2016 का आदेश एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर आधारित था। एनजीटी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को आठ जनवरी 2019 तक एक हलफनामा दायर कर फॉलो अप कार्ययोजना तथा जुर्माने के भुगतान के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया है।