Edited By Pardeep,Updated: 14 Sep, 2018 10:19 PM
मिजोरम के गृह मंत्री लालजिरलियाना ने प्रदेश की लाल थनहवला सरकार से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। लालजिरलियाना ने बताया कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया...
एजल: मिजोरम के गृह मंत्री लालजिरलियाना ने प्रदेश की लाल थनहवला सरकार से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। लालजिरलियाना ने बताया कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।
मणिपुर में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस त्यागपत्र ने प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में आंतरिक लड़ाई को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र तावी के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सके क्योंकि लाल थनहवला सरकार ने अलग सैतुअल जिला बनाने का वादा करने के बावजूद ऐसा नहीं किया। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे लालजिरलियाना को पार्टी की अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मंगलवार को उनसे स्पष्टीकरण मांगा था कि उन खबरों के आलोक में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं किया जाए जिसमें यह दावा किया गया था कि वह विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट में शामिल हो रहे हैं।
मुख्मंत्री के बाहर होने के चलते प्रधान सचिव को सौंपा इस्तीफा
सूत्रों ने बताया कि लालजिरलियाना ने अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव लालरामथांगा को अपना त्यागपत्र सौंपा क्योंकि मुख्यमंत्री बाहर थे। गृह मंत्री को अपना पक्ष रखने के लिए शुक्रवार को तीन बजे तक का समय दिया गया था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया और अपने इस्तीफे की घोषणा की। कांग्रेस भवन में आज दिन में हुई पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान उन्होंने संकेत दिया कि उन्हें मंत्री पद और मिजोरम प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद से हटाने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मंशा कारण बताओ नोटिस पर स्पष्टीकरण और जवाब देने की नहीं थी क्योंकि ऐसा करने की आवश्यकता नहीं थी।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2008 में विधानसभा चुनावों के दौरान उनके विधानसभा क्षेत्र के लोगों से वादा किया था कि अगर वह (लालजिरलियाना) निर्वाचित किए जाएंगे तो अलग सैतुअल जिला बनेगा। लालजिरलियाना ने 1998 में तत्कालीन सैतुअल विधानसभा क्षेत्र (अब तावी सीट) से तब जीत हासिल की थी जब एमएनएफ मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस गठबंधन ने कांग्रेस को बुरी तरह हराया था। 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस को छह सीटें मिली थी जिसमें वह भी शामिल थे। एजल जिले में कांग्रेस के एकमात्र विधायक थे। उन्होंने इस सीट से लगातार चार बार जीत हासिल की थी और 2008 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद वह मंत्री बने । 2013 में एक बार फिर उन्हें मंत्री बनाया गया था ।