Modi राजनीति को अलविदा कहने का फैसला भी ले सकते हैं !

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Jun, 2019 03:04 PM

modi can take a decision to say goodbye to politics

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मई 2019 को शाम 7.08 बजे शपथ लेने के बाद रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए। उस समय वृश्चिक लग्र का उदय हो रहा था तथा लग्र में वक्री अवस्था में बृहस्पति विराजमान थे।

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जालन्धर (धवन): केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मई 2019 को शाम 7.08 बजे शपथ लेने के बाद रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए। उस समय वृश्चिक लग्र का उदय हो रहा था तथा लग्र में वक्री अवस्था में बृहस्पति विराजमान थे। बठिंडा के ज्योतिषी इंद्रजीत साहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री के शपथ लेने के समय वृश्चिक की ही दशमांश कुंडली बनी है। दशमांश कुंडली के लग्र में मंगल स्वयं विराजमान हैं जबकि दशम स्थान पर शनि, केतू व चंद्रमा की उपस्थिति है। 

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उन्होंने कहा कि वृश्चिक राशि किसी भी अन्य ग्रह को प्राथमिकता नहीं देती है इसलिए वृश्चिक राशि में कोई भी ग्रह उच्च का नहीं होता है। मंगल से संबंधित व्यक्ति अनुशासनप्रिय, निष्ठावान व इरादों के पक्के होते हैं। उनका उद्देश्य पहले से भी बेहतर कार्य करना होता है। ऐसी प्रवृत्तियां नरेन्द्र मोदी तथा डोनाल्ड ट्रम्प में देखी जा सकती हैं क्योंकि दोनों का ही लग्र वृश्चिक है।

उन्होंने कहा कि दशमांश कुंडली में 11वें घर में बुध की उपस्थिति दर्शाती है कि देश में वित्तीय स्थिरता बनी रहेगी। शपथ ग्रहण कुंडली के 8वें घर में राहू व मंगल की स्थिति बताती है कि लोगों के अंदर डर की भावना भी देखी जाएगी। केंद्र की नई सरकार कुछ कड़े फैसले पुन: ले सकती है। शनि धनु राशि में वक्री अवस्था में केतू के साथ है इसलिए देश के अल्पसंख्यक वर्ग के अंदर विशेष रूप से डर की भावना देखी जाएगी। 

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उन्होंने कहा कि चंद्रमा आत्माकारक ग्रह बना है परन्तु उसे मंगल व शनि का दखल सहन करना पड़ रहा है। मंगल व शनि दोनों ही क्रूर ग्रहों की श्रेणी में आते हैं। इससे यह भी पता चलता है कि जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री के ऊपर लगातार दबाव व तनाव की स्थिति भी बनी रहेगी। उनकी पार्टी के ही कुछ लोग दखलअंदाजी करेंगे परन्तु आत्माकारक ग्रह चंद्रमा के ऊपर बृहस्पति की दृष्टि होने से सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। 

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शनि की दशमांश कुंडली में 10वें घर में स्थिति अधिक अच्छी नहीं है। उनके साथ केतू तथा चंद्रमा भी 10वें घर में विराजमान है इसलिए सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर प्रधानमंत्री राजनीति को अलविदा कहने का फैसला भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नई सरकार के लिए 30.5.2019 से लेकर 8 जुलाई 2019 तक का समय सर्वश्रेष्ठ है। उसके बाद बुध में केतू का समय होने के कारण 8 जुलाई 2019 से 25 अक्तूबर 2019 का समय थोड़ा कठिन रहेगा। इसके बाद 21 अप्रैल 2021 से 8 अगस्त 2021 तक का समय पुन: केंद्र सरकार के लिए अग्रि परीक्षा वाला होगा। 

इसी तरह से जब बुध में राहू का समय होगा तो 8 अगस्त 2021 से 7 मई 2022 तक का समय भी केंद्र सरकार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण व संघर्षों का वाला रहने वाला है। इसके बाद अंत में शनि का समय 7 जनवरी 2023 से 29 मई 2023 तक का समय भी सरकार के लिए चुनौतियों से भरा रहने वाला है। 

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