राहुल गांधी का विपक्ष पर निशाना, बोले- मोदी सरकार वास्तव में 'अडाणी सरकार' है

Edited By Parveen Kumar,Updated: 12 Apr, 2024 11:59 PM

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार वास्तव में "अडाणी सरकार'' है और विश्वास जताया कि लोकसभा चुनावों में ‘इंडिया' गठबंधन की जीत होगी।

नेशनल डेस्क : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार वास्तव में "अडाणी सरकार'' है और विश्वास जताया कि लोकसभा चुनावों में ‘इंडिया' गठबंधन की जीत होगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम के स्टालिन के साथ कोयंबटूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया, "नरेन्द्र मोदी और अडाणी की नीतियों ने दो भारत बनाए हैं। एक अरबपतियों का भारत और दूसरा गरीबों का भारत है।'' रैली में कांग्रेस और द्रमुक नेताओं के गर्मजोशी भरे संबंध देखने को मिले। स्टालिन ने गांधी को 'प्रिय भाई' कहकर संबोधित किया।

वहीं, गांधी ने स्टालिन को 'बड़े भाई' के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि वह कभी भी किसी अन्य राजनीतिज्ञ को अपने भाई के रूप में संबोधित नहीं करते हैं। स्टालिन ने कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को 'चुनाव का नायक' बताया और गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि अपनी यात्राओं के माध्यम से उन्होंने लोगों की समस्याओं को जाना और अपनी पार्टी का घोषणापत्र लेकर आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र द्रमुक द्वारा समर्थित सामाजिक न्याय को दर्शाता है। गांधी ने कहा, "तूफान आने वाला है, मोदी सत्ता से बेदखल होने वाले हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया, "मोदी सरकार वास्तव में 'अडाणी सरकार' है, इसे अडाणी सरकार कहा जाना चाहिए, न कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार।''

उन्होंने दावा किया कि चाहे हवाई अड्डा हो, राजमार्ग हो, बुनियादी ढांचे से जुड़ी कोई परियोजना हो, केंद्र सरकार इसे अडाणी को दे देती है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अडाणी "मुंबई हवाई अड्डा चाहते थे'' और "हवाई अड्डे के मालिकों के खिलाफ सीबीआई जांच कराई गई'' और कुछ हफ्ते बाद उन्होंने हवाई अड्डा अडाणी को सौंप दिया और केंद्रीय एजेंसी की जांच खत्म हो गई। गांधी ने आरोप लगाया कि संसद में अडाणी का मुद्दा उठाने के बाद सरकार ने लोकसभा की उनकी सदस्यता छीन ली और उन्हें दिल्ली स्थित उनके आवास से बेदखल कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव विचारधारा की लड़ाई है और यह कोई सामान्य चुनाव नहीं है।

गांधी ने कहा कि देश के सभी लोगों के अधिकार, उनके इतिहास, भाषाएं और उनके जीवन जीने का तरीका संविधान द्वारा संरक्षित है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘संविधान कोई साधारण पुस्तक नहीं है, यह आत्मा है, यह भारत के लोगों की आवाज है। उस आत्मा और उस आवाज पर प्रधानमंत्री और आरएसएस द्वारा हमला किया जा रहा है।'' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा के सांसदों ने खुले तौर पर कहा है कि अगर पार्टी केंद्र में सत्ता में बरकरार रही तो "वे संविधान बदल देंगे।'' तिरुनेलवेली में, उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के सभी संस्थान और एजेंसियां ‘‘आरएसएस के लोगों से भरी हुई हैं।''

उन्होंने चुनावी बॉण्ड योजना को लेकर मोदी की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह स्पष्ट हो गया कि यह ‘‘जबरन वसूली'' थी। उन्होंने आरोप लगाया, "यह दुनिया में किसी के द्वारा किया गया भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कृत्य है।'' गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उन्हें डोसा पसंद है, लेकिन दिल्ली में वह ‘एक राष्ट्र, एक नेता, एक भाषा' की बात करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि तमिल और मणिपुरी सहित ‘‘अन्य सभी भारतीय भाषाओं के लिए जगह क्यों नहीं है।'' उन्होंने तमिल संस्कृति, इतिहास, परंपरा और भाषा पर हमला करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। गांधी ने कहा कि तमिल किसान भूख से मर रहे हैं और तमिल युवा बेरोजगार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में पहली बार किसान टैक्स दे रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि सरकार में 30 लाख रिक्त पद हैं और ये नौकरियां युवाओं को प्रदान की जाएंगी। गांधी ने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन के सत्ता में आने पर सभी स्नातकों और डिप्लोमा धारकों को लाभ पहुंचाने के लिए एक कानून ‘राइट टू अप्रेंटिसशिप' संसद में पारित किया जाएगा। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को गरीब विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है, तमिलनाडु के लोगों के लिए नीट एक बड़ा मुद्दा है। हम यह निर्णय राज्य पर छोड़ देंगे कि आप नीट में शामिल चाहते हैं या नहीं। नीट गरीब विरोधी परीक्षा है। आपको (तमिलनाडु) तय करना होगा कि नीट में शामिल होना है या नहीं।''

कांग्रेस नेता ने कहा कि जब तमिलनाडु की द्रमुक नीत सरकार ने बाढ़ राहत की मांग की, तो केंद्र ने ‘‘मना'' कर दिया। सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक लगातार तमिलनाडु के लिए 37,000 करोड़ रुपये की बाढ़ राहत का मुद्दा उठा रही है और आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार ने एक पैसा भी नहीं दिया। गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बाढ़ राहत के लिए तमिलनाडु के अनुरोध को ‘‘पिचाई'' का नाम दिया है। द्रमुक और कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा नेता निर्मला सीतारमण ने बाढ़ राहत को ‘‘पिचाई'' कहकर इसका महत्व घटाने का प्रयास किया है।

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