Edited By vasudha,Updated: 30 Jul, 2018 11:41 AM
केंद्र सरकार अगले महीने एक प्रमुख नीति सार्वजनिक कर बड़ा रक्षा उत्पादन उद्योग बनाने और भारत को अगले 10 साल में सैन्य उपकरणों के शीर्ष पांच निर्माताओं में शामिल करने का खाका पेश करेगी...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार अगले महीने एक प्रमुख नीति सार्वजनिक कर बड़ा रक्षा उत्पादन उद्योग बनाने और भारत को अगले 10 साल में सैन्य उपकरणों के शीर्ष पांच निर्माताओं में शामिल करने का खाका पेश करेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा उत्पादन नीति (डीपीपी-2018) का प्रमुख जोर लड़ाकू विमानों, लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और स्वदेशी हथियारों सहित अत्याधुनिक सैन्य प्लैटफॉर्मों के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की खातिर पर्याप्त संसाधनों में निवेश पर होगा। सूत्रों के अनुसार डीपीपी-2018 अगले महीने जारी किए जाने की संभावना है।
नीति के मसौदे के मुताबिक, सरकार वर्ष 2025 तक सैन्य वस्तुओं एवं सेवाओं में 1,70,000 करोड़ रुपए के कारोबार को हासिल करने के बारे में सोच रही है। स्वीडन के एक थिंक टैंक ने मार्च में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले पांच साल में भारत दुनिया में सैन्य हार्डवेयर का सबसे बड़ा आयातक रहा है। वर्ष 2004-08 की तुलना में भारत द्वारा पिछले पांच साल में प्रमुख हथियारों के आयात में 111 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
मार्च में जारी नीति के मसौदे में 2025 तक सैन्य उपकरणों और सर्विसेज में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात को प्रमुख लक्ष्य बनाया गया था। सरकार ने आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए देश में उत्पादन के लिए 12 सैन्य प्लेटफार्म और हथियार सिस्टम्स तय किए हैं। इनमें लड़ाकू विमान, मीडियम लिफ्ट एंड यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, युद्धपोत, लैंड कॉम्बैट वाहन, मिसाइल सिस्टम्स, गन सिस्टम्स, छोटे हथियार, विस्फोटक, निगरानी प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (ईडब्ल्यू) सिस्टम्स और रात में लड़ाई में मददगार साजोसामान आदि शामिल हैं।