Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Nov, 2019 04:31 PM
भाजपा सांसद राज बहादुर सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में अपनी सीट खम्भे के पीछे होने का जिक्र करते हुए खुद को ‘खम्भे का शिकार'' बताया तो स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहले मैं भी खम्भे के पीछे बैठता था। दरअसल, शून्यकाल के दौरान सिंह जब बोलने खड़े हुए तो सदन...
नई दिल्ली: भाजपा सांसद राज बहादुर सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में अपनी सीट खम्भे के पीछे होने का जिक्र करते हुए खुद को ‘खम्भे का शिकार' बताया तो स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहले मैं भी खम्भे के पीछे बैठता था। दरअसल, शून्यकाल के दौरान सिंह जब बोलने खड़े हुए तो सदन में लगी स्क्रीन पर उनका चेहरा नहीं दिखा। इस पर उन्होंने कहा कि मैं खम्भे का शिकार हूं, दिखता नहीं हूं।'' इस पर बिरला ने कहा कि पहले मैं भी खम्भे के पीछे बैठता था।
शून्यकाल के दौरान भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल में पैरा-टीचरों की हड़ताल का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार पर शिक्षकों को वेतन नहीं देने का आरोप लगाया। इस पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों में तीखी नोंकझोंक हुई। कांग्रेस के हिबी इडेन ने बीएसएनएल के कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार को इस मामले पर ठोस कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस के गुरजीत औजला, शिवसेना के गजानन कीर्तिकर और श्रीकांत शिंदे, भाजपा के अर्जुन सिंह, जसकौर मीणा, धर्मवीर सिंह, गणेश सिंह, एम पटेल और तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी ने अपने क्षेत्रों तथा कई अन्य मुद्दे उठाए।