मुंबई के आरे में काटे गए 800 पेड़, हिरासत में शिवसेना उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी

Edited By Anil dev,Updated: 05 Oct, 2019 01:28 PM

बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई के हरियाली भरे क्षेत्र आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाली सभी याचिकाएं खारिज करने के बाद शुक्रवार को पेड़ काटने का काम शुरू हो गया। मुम्बई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए प्रदर्शन के बीच...

नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई के हरियाली भरे क्षेत्र आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाली सभी याचिकाएं खारिज करने के बाद शुक्रवार को पेड़ काटने का काम शुरू हो गया। मुम्बई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए प्रदर्शन के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी। पेड़ काटने के विरोध में कई प्रदर्शनकारी मौके पर पहुंच गए।

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पुलिस को करना पड़ा बल का प्रयोग
वहीं शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने और पेड़ों की कटाई के विरोध में प्रदर्शन स्थल पर पहुंची थी, पुलिस ने हालात को देखते हुए उन्हें तुरंत ही हिरासत में ले लिया है। उन्हें हिरासत में लेकर थाने ले जाया जा रहा है। इस बीच पुलिस ने आरे की तरफ जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेड लगा दिए हैं। पार्किंग बनाने के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन करने सैकड़ों लोग यहां एकत्रित हुए थे। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा।  पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू किया। आरे पुलिस ने करीब 60 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और किसी को वहां आने की अनुमति नहीं है। अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को भी वहां तैनात किया गया है।

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मोदी सरकार पर आदित्य ठाकरे ने साधा निशाना
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी पेड़ों की कटान पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। आदित्य ठाकरे ने पेड़ों को काटने के विरोध में लिखा कि जिस तरह से मुंबई मेट्रो-3 के नाम पर पेड़ों को धूर्तता से काटा जा रहा है, वह शर्मनाक और गलत है। केंद्र सरकार के जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अस्तित्व में आने या प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है, जब मुंबई मेट्रो के तृतीय परियोजना के तहत आरे कॉलोनी के आसपास के क्षेत्र को नष्ट किया जा रहा है। 




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आइए, जानते हैं  कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
साल 2014 में वर्सोवा से घाटकोपर तक शुरू हुए मुंबई मेट्रो के विस्तार की बात शुरू हुई तो पार्किंग शेड की जरुरत पड़ी। विस्तार के लिए अब जरूरत पड़ी पार्किंग शेड की। 23136 करोड़ रुपये की लागत से फ्लोर स्पेस इंडेक्स निर्माण को कहीं जगह की आवश्यकता पड़ी तो मेट्रो परियोजना से जुड़ी कंपनी को मुफीद लगी फिल्म सिटी गोरेगांव वाले इलाके की आरे कॉलोनी। पेड़ों की कटाई को लेकर विरोध शुरू हो गया। विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने मेट्रो कंपनी से कोई और लोकेशन देखने को भी कहा। कंपनी ने कोशिश तो की, लेकिन जगह मिल पाना मुमकिन नहीं हो पाया। ऐसे में कंपनी के सामने फिर से आरे जंगल का विकल्प था। शेड बनाने के लिए यहां 2702 पेड़ों की कटाई होनी थी। सेव आरे मुहिम चला रहे लोग ऐसे में कोर्ट की शरण में गए, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए पेड़ों की कटाई पर रोक की सभी याचिकाएं खारिज कर दी। 

 

 


 

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