Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 04:40 PM
देश में आम चुनावों का बिगुल बजने से पहले भाजपा अपनों के विरोधों के चक्र में घिर गई है। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आज अपने घर पर पार्टी सांसदों के साथ बैठक की। बैठक के खत्म के बाद ...
अमरावती: देश में आम चुनावों का बिगुल बजने से पहले भाजपा अपनों के विरोधों के चक्र में घिर गई है। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आज अपने घर पर पार्टी सांसदों के साथ बैठक की। बैठक के खत्म के बाद केंद्रीय मंत्री और टीडीपी नेता वाईएस चौधरी ने कहा कि एनडीए से अलग होने की बात नहीं कही गई है, जो भी मामला है उसे 4 दिन में सुलझा लिया जाएगा। बैठक से पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नायडू को फोन कर गुजारिश की थी कि इस बैठक में कोई कड़ा फैसला न लें। बता दें कि टीडीपी बजट में आंध्र प्रदेश की अनदेखी पर खफा चल रही है और माना जा रहा था कि इस बैठक में नायडू भाजपा से अफना गठबंधन खत्म करने का ऐलान कर सकते हैं।
इससे पहले टीडीपी सांसद टीजी वेंकटेश ने कहा था कि अगर भाजपा हमारी मांगें पूरी करती है तो यह दोस्ती बरकरार रहेगी नहीं तो अलग होने का विकल्प तो पार्टी के पास है ही। टीडीपी के एक अन्य सांसद ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल से हम अपनी मांगें उठा रहे हैं। इस बार हमें उम्मीद थी कि बजट में सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा और स्पेशल पैकेज देगी लेकिन सरकार ने कुछ नहीं दिया। बजट से आंध्र प्रदेश के लोग खुद को उपेक्षित-सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमें 2019 के चुनाव में उतरना है, तो हमें उन मुद्दों को उठाना होगा, जिनका निपटारा केंद्र सरकार ने नहीं किया। बता दें कि हाल ही में शिवसेना ने भी एनडीए से अलग होकर 2019 का आम चुनाव लड़ने का फैसला किया है।