Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Apr, 2018 05:17 PM
नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने मंगलवार को कहा कि देश में बच्चों के साथ दुष्कर्म और यौन अपराध की बढ़ती घटनाओं से ‘राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति’ बन गई है इसलिए संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा कराकर इस समस्या से निपटने के लिए...
नई दिल्ली :नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने मंगलवार को कहा कि देश में बच्चों के साथ दुष्कर्म और यौन अपराध की बढ़ती घटनाओं से ‘राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति’ बन गई है इसलिए संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा कराकर इस समस्या से निपटने के लिए समयबद्ध राष्ट्रीय कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए।
कैलाश सत्यार्थी ने चिल्ड्रन फाउंडेशन की ओर से देश में बच्चों की सुरक्षा में खामियों पर आयोजित एक संगोष्ठी में अपने संबोधन में राजनीतिक दलों से कहा कि वे बच्चों के शवों को ‘राजनीतिक युद्ध’ का मैदान न बनाएं। बच्चों के साथ अपराध पर राजनेताओं के रुख की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होने अफसोस जताया कि आज तक देश की संसद में इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि देश में यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा संबन्धी कानून (पाक्सो) के तहत एक लाख मामले लंबित हैं और कहा कि बच्चों के यौन शोषण मामलों के त्वरित निपटारे के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की तर्ज पर राष्ट्रीय बाल न्यायाधिकण गठित किया जाना चाहिए। उन्होंने इन मामलों के त्वरित सुनवाई के लिए हर जिले में अलग से एक न्यायालय की भी मांग की जिनमें संवेदनशील और प्रशिक्षित अधिकारियों को तैनात किया जाय।